मध्यप्रदेश में दो टाइगर आमने सामने हैं. आपने ये बात जरूर सुनी होगी कि एक टाइगर कभी अपने इलाके में दूसरे टाइगर को बर्दाश्त नहीं करता. ऐसा होता है तो दोनों के बीच टेरिटोरियल फाइट छिड़ जाती है. जो जीतता है इलाका उसका होता है. ये तो रही असल टाइगर की बात जो डिप्लोमेसी नहीं समझते. सीधे सादे वन्य प्राणी जो ठहरे. लेकिन यही टाइगर जब सियासत के जंगल में टकराते हैं तो कुछ देर तो दोस्त ही नजर आते हैं. लेकिन धीरे धीरे इलाके की जंग शरू हो ही जाती है. पर ये टाइगर हैं मंझे हुए डिप्लोमेट जो घोर दुश्मनी हो तो भी दोस्त ही नजर आते हैं. वो तो कोई फैसला सामने आ जाए तब लगता है कि कोई एक टाइगर दूसरे पर भारी पड़ गया है. इस बार टाइगर पर सवासेर साबित हुए हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. अरे, चौंकिए नहीं दो में से एक टाइगर सीएम शिवराज ही तो हैं. और दूसरा कौन है ये तो आप समझ ही गए होंगे.
सिंधिया की महत्वकांक्षी योजना पर शिवराज के फैसले ने लगा दिया ब्रेक, क्या होगा ‘टाइगर्स’ में टकराव?
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