SINGRAULI: इस माह के बचे दिनों में बारिश नहीं हुई तो 25 फीसदी और 15 अगस्त तक न हुई तो केवल 50 फीसदी होगी पैदावार

author-image
Sachin Tripathi
एडिट
New Update
SINGRAULI: इस माह के बचे दिनों में बारिश नहीं हुई तो 25 फीसदी और 15 अगस्त तक न हुई तो केवल 50 फीसदी होगी पैदावार

SINGRAULI.  इस सीजन में औसत बारिश भी न होने से जिले में सभी फसलों की पैदावार आधी होने की आशंका खड़ी हो गई है। कम बरसा के कारण जिले के किसान चिंतित हैं। सबसे अधिक प्रभाव धान की फसल पर पड़ा है। बारिश पर निर्भर रहने वाली  खेती लगभग पंद्रह दिन पिछड़ गई है। खेती किसानी से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि जुलाई अंत तक ठीक ठाक बारिश नहीं हुई तो 25 फीसदी उपज कम होगी। वहीं 15 अगस्त तक झमाझम बरसात नहीं हुई तो सभी फसलों की पैदावार 50 प्रतिशत तक कम होगी। इधर, गांवों में जो स्थिति है वह सूखे की ओर इशारा कर रही है। किसानों का कथन वैज्ञानिकों की उम्मीद  से बिल्कुल उलट है।  माडा क्षेत्र के किसान सीडी शाह ने मीडिया को बताया कि जिन लोगों के पास पानी का साधन था उनके यहां धान की नर्सरी तैयार हो गई मगर बारिश न होने से रोपाई लेकर लोग चिंतित हैं।





 

दक्षिण ज्यादा प्रभावित







लोग बताते हैं कि बारिश के अभाव में खेती किसानी की सबसे बुरी स्थिति चितरंगी ब्लॉक के दक्षिणी क्षेत्र में है। लगभग सूखे की स्थिति है। जनपद सदस्य राजू सिंह व गीर निवासी राम मिलन बताते हैं कि जिनके पास पानी की सुविधा है उन्होंने धान की नर्सरी भले डाल ली है, मगर रोपाई को लेकर लोग चिंतित हैं। लोग दोबारा मक्का बोकर पानी बरसने का इंतजार कर रहे हैं। खासकर चितरंगी के दक्षिणी बेल्ट में खेती बुरी तरह प्रभावित है, लगभग सूखे कगार पर पहुंच गई है|





आधे से भी कम हुई वर्षा





इस साल अब तक सबसे कम बारिश देवसर क्षेत्र में 87.2 मिमी हुई है। वहीं सबसे ज्यादा बारिश सिंगरौली तहसील में 272.2 मिमी दर्ज की गई है। इसके बाद माड़ा तहसील का नंबर आता है, यहां 232.5 मिमी बारिश हुई है। वहीं चितरंगी में 190.6 व सरई तहसील क्षेत्र में 116.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं पिछले एक जून से 23 जुलाई तक सिंगरौली तहसील में 615.7, देवसर में 350.5, चितरंगी में 509.3. सरई में 631.6 और माड़ा तहसील क्षेत्र में 341 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। पिछले साल जिले में हुई औसत बारिश 489.6 की तुलना में अब तक आधी बारिश भी नहीं हो पाई है । एक जून से 23 जुलाई 2022 तक 179.7 मिमी (22 जुलाई) गत वर्ष एक जून से 23 जुलाई तक 489.6 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी थी। उपसंचालक कृषि आशीष पांडेय बताते है कि यह बात सही है कि पिछले साल की तुलना में अभी कम बारिश हुई है, मगर शनिवार को जितनी बारिश हुई है यदि आगे चार-पांच दिन भी ऐसे ही हुई तो खेती की स्थिति ठीक रहेगी।





वाटर रिचार्ज न होने पेयजल का भी संकट





कृषि विज्ञान केंद्र देवरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जय सिंह ने मीडिया को बताया की 23 जुलाई भी बीत गई, मगर खेती के लिहाज से अच्छी बरसात नहीं हुई है। यदि जुलाई अंत तक ऐसे ही बारिश होती रही तो 25 फीसदी उपज कम हो जाएगी। बारिश का क्रम आगे 15 अगस्त तक ऐसे ही बना रहा तो 50 प्रतिशत पैदावार घटेगी। जिले में लगभग 50 हजार हेक्टेयर रकबे में धान की खेती होती है। रोपाई देर से होगी तो धान की फसल पकेगी नहीं। पानी न बरसने से रबी सीजन की सरसों, चना जैसी फसलें भी प्रभावित होंगी। वाटर रिचार्ज न होने से पेयजल संकट भी खड़ा हो सकता है।



 





 खरीफ का रकबा





धान    : 1.50 लाख हेक्टेयर 





अरहर  : 42 हजार हेक्टेयर 





उड़द   : 28 हजार हेक्टेयर





तिल    : 08 हजार हेक्टेयर





मूंग     : 15 हज़ार हेक्टेयर 





मक्के  : 02 हज़ार हेक्टेयर 







MP News Singrauli News climate change Mp latest news in hindi सिंगरौली न्यूज़ एमपी लेटेस्ट न्यूज़ इन हिंदी The sootr story द सूत्र स्टोरी एमपी हिंदी Farmer news Weather & agriculture किसान समाचार मौसम और खेती मौसम परिवर्तन