News Strike: जिद पर अड़कर Kamalnath से इस मामले में बुरी तरह पिछड़े Ashok Gehlot!

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बमुश्किल तीन दिन पहले तक अशोक गहलोत कांग्रेस में गांधी परिवार के भरोसे का दूसरा नाम थे. पार्टी को फिर से जोड़ने और मजबूती देने की उम्मीद थे. कद भी इतना बड़ा था कि उनके नाम का विरोध कहीं  किसी स्तर पर नहीं था. लेकिन सियासत के जादूगर के नाम मशहूर अशोक गहलोत का कॉन्फिडेंस कब ओवरकॉन्फिडेंस में तब्दील हुआ शायद वो खुद ही समझ नहीं सके. एक तरफ राहुल गांधी भारत जोड़ो के लिए मीलों चल रहे हैं दूसरी तरफ अशोक गहलोत ने पार्टी तोड़ने की पहल भले ही न की हो लेकिन उसे रोकने की भी कोई कोशिश नहीं की. इस बार गांधी परिवार की नीयत और मिजाज को समझने में गलती कर गए. ये भी इत्तेफाक है कि कमलनाथ के दिल्ली जाने के बाद कांग्रेस के हालात फिर कंट्रोल में आए. कांग्रेस पर जब जब संकट गहराया है कमलनाथ और अशोक गहलोत का नाम एक साथ आया है. इस बार भी दोनों की चर्चा हैं लेकिन वजह अलग अलग हैं. 

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