केरवा और कलियासोत को किस तरह से अधिकारी बर्बाद करने पर तुले हुए हैं... और अब न्यायिक संस्था को भी बरगलाने की कोशिश की जा रही है... और ऐसा इसलिए उन रसूखदारों को बचाने के लिए किया जा रहा है, जिन्होंने केरवा और कलियासोत पर अतिक्रमण किया है... बड़े बड़े बंगले ताने हुए हैं... अपने अतिक्रमण को वैध करने के लिए रसूखदारों ने मास्टर प्लान को बदल दिया.. और अब एनजीटी में गलत रिपोर्ट पेश की जा रही है... कलियासोत के ग्रीन बेल्ट का कितना हिस्सा खत्म हुआ है... एनजीटी में याचिका लगाने वालों ने ये रिपोर्ट भी दी है...