छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर राजनीति शुरू, बीजेपी बोली- केंद्र सरकार दे रही पैसा, कांग्रेस ने दिया संघीय व्यवस्था का हवाला

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The Sootr CG
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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर राजनीति शुरू, बीजेपी बोली- केंद्र सरकार दे रही पैसा, कांग्रेस ने दिया संघीय व्यवस्था का हवाला

RAIPUR. छत्तीसगढ़ में इस साल 1 नवंबर 2022 से धान खरीदी शुरू होगी। इसके पहले खरीदी को लेकर राजनीति गर्म होने लगी है। दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल 110 लाख मिट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य तय किया है। इसके बाद अब छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर लगातार राजनीतिक बयानबाजी चल रही है। बीजेपी प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार धान खरीदी का पूरा श्रेय खुद ले रही है और किसानों को गुमराह कर रही है, जबकि पैसा केंद्र सरकार दे रही है।





केंद्र सरकार दे रही पैसा, प्रदेश सरकार लूट रही वाह-वाही 





बीजेपी नेता विजय शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ से लगभग 61 लाख मीट्रिक टन चावल यानी कि लगभग 91 लाख मिट्रिक टन धान का उपार्जन करेगी। उसके लिए लगभग 21 हजार करोड़ रुपए की राशि का भुगतान केंद्र सरकार करेगी। लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार धान खरीदी का पूरा श्रेय खुद ले रही है और खुद ही वाहवाही लूट रही है। 





शर्मा के बयान पर कांग्रेस का पलटवार





विजय शर्मा के इस बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि धान खरीदी के लिए एक संघीय व्यवस्था है। केंद्र सरकार किसानों से धान नहीं खरीदती, वो राज्यों से चावल लेती है। धान खरीदी राज्य सरकार ही करती है। यूपीए सरकार के समय भी धान खरीदी के लिए केंद्र से पैसा आता था, उस समय बीजेपी की राज्य में सरकार थी। बीजेपी को सिर्फ राजनीति करनी है। इसलिए इस तरह के बयान दे रही है।





1 नवंबर से होगी धान खरीदी





राज्य में 1 नंवबर से धान की खरीदी होगी। इसके लिए सरकार ने पहले से ही घोषणा की हुई है। इसके लिए प्रदेश में धान-उपार्जन समितियों ने तैयारी शुरू कर दी है। हालाकि कहीं पर समिति प्रबंधकों ने हड़ताल की भी चेतावनी दी है और सरकार से सामने अपनी मांगे रखी है।



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