बिलासपुर में 11 एकड़ खेत से इकट्ठा किए धान की 10 खरही में लगा दी आग, किसान को लाखों का नुकसान, एक सप्ताह में दूसरी घटना

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The Sootr CG
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बिलासपुर में 11 एकड़ खेत से इकट्ठा किए धान की 10 खरही में लगा दी आग, किसान को लाखों का नुकसान, एक सप्ताह में दूसरी घटना

BILASPUR. जिले के कोटा क्षेत्र के गांव में खलिहान में रखी धान की खरही में असामाजिक तत्वों ने आग लगा दी। इस घटना में 11 एकड़ खेत में लगी फसल के धान की 10 खरही पूरी तरह जलकर खाक हो गई। किसान को इससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। इसी गांव में एक सप्ताह के भीतर ये दूसरी घटना है, जिससे गांव के किसानों की चिंता बढ़ गई है। साथ ही थाने में रिपोर्ट लिखवाकर पुलिस से ऐसे असामाजिक तत्वों को जल्द पकड़ने की गुहार लगाई है।



पौने तीन लाख रुपये का नुकसान



पुड़ू गांव में मंगलवार की देर रात हुई आगजनी की इस घटना से किसान राधे सिंह पैकरा का धान पूरी तरह से खाक हो गया है। किसानों का कहना है कि प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान के हिसाब से भी 11 एकड़ में 110 क्विंटल और न्यूनतम समर्थन मूल्य की बिक्री से हिसाब लगाएं शुद्ध रूप से पौने तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है, जो उसकी चार महीने की कड़ी मेहनत से तैयार हुआ था। 

गांव वालों ने पुलिस को ये भी बताया है कि पिछले सोमवार व मंगलवार की दरम्यानी रात को भी एक अन्य किसान के धान को भी असामाजिक तत्वों ने जलाकर खाक कर दिया था।



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उन्होंने बताया कि बीती रात भी जब तक लोगों को राधे सिंह के धान के जलने का पता चला तब तक आग काफी भड़क चुका था। इसके बाद भी तत्काल मोहल्ले वाले पास के तालाब से पानी लाकर उसे बुझाने में जुट गए। इस बीच दमकल को भी सूचना दी गई। दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंचती और आग बुझाती तब तक कुछ भी हा​थ नहीं लगा। पूरा धान स्वाहा हो चुका था। किसान राधे ने बुधवार को कोटा थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की। इस पर पुलिस ने मामले को जांच में लिया है।



आग के लिए संवेदनशील होता है धान



किसानों का कहना है कि धान की फसल जब पूरी तरह पक जाती है तब उसे काटा जाता है। फिर सूखने के बाद ही उसे खलिहान में खरही बनाकर रखा जाता है। ऐसे में इसमें हल्की चिंगारी भी पड़ जाए तो वह बड़ा रूप ले लेता है। माना जा रहा है कि असामाजिक तत्वों द्वारा ही इसे अंजाम दिया जा रहा है। उनका कहना है कि भले ही खेती चार महीने की होती है, लेकिन उसके लिए सालभर की तैयारी रहती है और वे बड़ी उम्मीदें भी पाले रहते हैं। कई योजनाएं बनाते हैं। एक चिंगारी उनकी उम्मीदों पर पानी फेर देती है। ऐसे में जो भी असामाजिक तत्व मिलता है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

 


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