अरविंद नेताम बोले- कवासी जी को ही मैं गंभीरता से नहीं लेता,तो उनकी बात और उस पर CM बघेल की प्रतिक्रिया पर क्यों कहना

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Yagyawalkya Mishra
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अरविंद नेताम बोले- कवासी जी को ही मैं गंभीरता से नहीं लेता,तो उनकी बात और उस पर CM बघेल की प्रतिक्रिया पर क्यों कहना

Raipur. क़द्दावर आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पूर्व सांसद अरविंद नेताम ने प्रदेश सरकार के मंत्री कवासी लखमा को ग़ैर गंभीर करार दिया है। आदिवासी मसलों पर बेहद गंभीर नज़रिया और आदिवासियों के बीच बेहद प्रभावी दखल रखने वाले अरविंद नेताम ने दो टूक अंदाज़ में कहा







“मीडिया उन्हें गंभीरता से लेती होगी, मैं कवासी को गंभीरता से नहीं लेता.. और जब कवासी को ही गंभीरता से नहीं लेता तो कवासी की बात और उस बात पर सीएम बघेल की प्रतिक्रिया पर क्या बोलना”









क्या है आदिवासी मसला जिसमें कवासी और सीएम बघेल के बयानों की है चर्चा



 पितृपक्ष में निषेध के दौरान गणपति विसर्जन करने निकले प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सीएम बघेल की तारीफ़ों के पुल बांधते हुए टिप्पणी की







“भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ का भगवान है, वह देवगुडी बना रहे हैं,इसलिए बारिश हो रही है।देवगुडी बहुत खुश है, गाँव की देवी बहुत खुश है..कभी किसी समय में इनके ( सीएम भूपेश बघेल ) के पूर्वज आदिवासी घर में पैदा हुए होंगे”





  इस बयान पर मुख्यमंत्री बघेल ने जो कि भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम के तहत रायगढ़ ज़िले में थे,उन्होंने पत्रकारों से यह कह दिया कि, सभी के पूर्वज आदिवासी थे।सीएम बघेल ने इसकी व्याख्या करते हुए कहा







“मैं समझता हूँ कि सभी के पूर्वज कभी न कभी तो आदिवासी रहा होगा..जब शुरुआत हुई होगी अब वो अलग अलग देशों में और अलग अलग क्षेत्रों से होते हुए कौन कहाँ से आया कोई नहीं जानता ..कितनी संस्कृति मिली है..कितने खून मिक्स अप हुए हैं कौन जानता है..तो वो जब ऐसा कह रहे हैं तो अच्छी बात है”







सीएम बघेल का यह तर्क आने वाले समय में अहम राजनैतिक बयान बन सकता है, जिसमें कई सवाल अंतर्निहित हो सकते हैं, पर इसके लिए कुछ संयोग का होना जरुरी है, जिसमें शायद अभी वक्त है। बहरहाल इस तर्क के साथ मुख्यमंत्री बघेल ने आगे जोड़ा







“आदिवासियों के हित में हमारी छत्तीसगढ़ सरकार लगातार काम कर रही है”









कौन हैं अरविंद नेताम



  अरविंद नेताम छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को लेकर लगातार सक्रिय रहते हैं। वे सर्व आदिवासी समाज समेत कई संगठनों के ज़रिए आदिवासियों को भीतर तक मज़बूती से लामबंद और उनकी राजनैतिक ताक़त की याद उन्हें दिलाते हुए मुखर हैं। अरविंद नेताम 1973 में इंदिरा सरकार में शिक्षा और समाज कल्याण राज्य मंत्री और उसके बाद 1993 से 1996 तक नरसिम्हाराव सरकार में कृषि राज्यमंत्री रह चुके हैं।आदिवासी क्षेत्रों में शराब नीति और वन नीति को लेकर अरविंद नेताम की चर्चाएँ होती हैं। क़द्दावर आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने मंत्री कवासी लखमा को लेकर कहा कि, वे उन्हें गंभीरता से नहीं लेते ना कल लेते था ना आज लेते हैं, अरविंद नेताम ने यह भी कहा कि लखमा का आईक्यू तेज है। सीएम बघेल के इस दावे पर कि सरकार आदिवासियों के लिए गंभीर है पर अरविंद नेताम ने यह कहा



“कौन सरकार यह बात नहीं बोलती.. हर सरकार कहती है..लेकिन आदिवासियों का आँकलन करें तो यह बात बेहतर समझ आ जायेगी कि इन सरकारी बातों की हक़ीक़त क्या है.. कोई सरकार यह नहीं कहती कि, उसने काम नहीं किया है,कहना भी नहीं चाहिए..”



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