SURAJPUR. सरगुजा संभाग में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूरजपुर जिले के घुई वन परिक्षेत्र में नर हाथी का शव मिला है। वन विभाग का अमला शि मानव-हाथी द्वंद्व के परिणाम के रूप में इसे भी देख रहा है और उसी दिशा में जांच कर रहा है। हालांकि उसके दोनों दांत सुरक्षित मिले हैं।
वन परिक्षेत्र में हाथियों का हो रहा शिकार
छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में हाथियों के मानव बस्तियों के आसपास और खेतों तक आमद लंबे समय से हो रही है। ये हाथी दल बनाकर आते हैं और कभी फसलों को रौंद डालते हैं तो कभी आबादी क्षेत्र में घुसकर घरों को तोड़ देते हैं और कभी इंसानों की जान ले लेते हैं। समय पर वन विभाग से भी मदद नहीं मिल पाती। ऐसे में कई लोग कानून हाथ में लेकर करंट बिछाकर तो और कई माध्यमों से हाथियों की जान लेने लगे हैं। इससे समय-समय पर हाथियों की लाशें बरामद होती रही हैं। कई मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।
पकनी गांव के पास मिला हाथी का शव
सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का दल पिछले कुछ दिनों से घूम रहा है। इसकी जानकारी मिलने के बाद उन पर निगरानी रखी जा रही है। जब ये दल प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के दरहोरा से होते हुए घुई वन परिक्षेत्र की ओर आगे बढ़ा तो एक टीम को वहां भेजा गया। रविवार की सुबह भी मैदानी कर्मचारियों को निगरानी में लगाया गया। तभी क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि पकनी गांव के पास हाथी का शव पड़ा हुआ है। जानकारी मिलते ही अंबिकापुर और सूरजपुर से वन विभाग के उच्चाधिकारी घटनास्थल पहुंच गए।
करंट या जहरखुरानी तो नहीं
वन विभाग के अफसर मामले की जांच करा रहे हैं। शिकार के लिए हत्या की गई हो ऐसा नहीं है, क्योंकि आमतौर पर शिकार उसके दांत के लिए किया जाता है। इस हाथी के दोनों दांत सुरक्षित हैं। ऐसे में जहर खुरानी या करंट के जरिए मारने का मामला हो सकता है। फिलहाल इसकी जांच कराई जा रही है।