नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी में बुधवार (3 मई) को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया है। कर्नाटक में कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही गई है। इसके विरोध में बजरंगियों ने सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का पुतला जलाया है। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे। पुतला जलाने से रोकने पहुंचे पुलिसकर्मियों की बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से जमकर धक्का-मुक्की भी हुई है।
कर्नाटक में बयान, छत्तीसगढ़ में बवाल
दरअसल, कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का शोर हैं। सभी पार्टियां अपने घोषणा पत्र के माध्यम से जानता को लुभाने के प्रयास में लगी हुई हैं। इसी तरह ही कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही गई। जिसके बाद छत्तीसगढ़ में इस घोषणा को लेकर बवाल मचा हुआ है। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शहीद भगत सिंह चौक में विरोध करते हुए सीएम बघेल और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का पुतला जलाया है।
पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की
सीएम का पुतला जलाने पहुंचे कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए मौके पर पुलिस बल की मौजूदगी रही। बजरंग दल के द्वारा लाए गए पुतले को ना जलने देने के लिए पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। जिसके दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की देखने को मिली। पुलिस बल द्वारा जल रहे पुतलों को बुझाने के लिए फायर सेफ्टी उपकरण का इस्तेमाल किया गया। बजरंग दल के कार्यकर्ता अंकित द्विवेदी ने कहा कि बजरंग दल पर प्रतिबंध कोई नहीं लगा सकता है। हम हिंदू हित की बात करते हैं, समाजहित की बात करते हैं, देश सेवा करते हैं। कर्नाटक में बजरंग दल को प्रतिबंधित करने की बात को लेकर आज हम लोग यहां प्रदर्शन कर सीएम भूपेश बघेल और मल्लिकार्जुन खड़गे का पुतला दहन किया है।
सीएम भूपेश ने कहा
कर्नाटक से निकाला बयान छत्तीसगढ़ तक आ पहुंचा और सीएम भूपेश बघेल ने भी बयान दे दिया। सीएम ने कहा, वहां क्या हो रहा है इसके कारण यहां क्या होगा यह कोई औचित्य नहीं है। यहां के बजरंगियों ने गड़बड़ किया तो हमने ठीक कर दिया। वहां की समस्या के हिसाब से प्रतिनिधियों ने जो सोचा है वह वहां की बात है, वहां लागू हो गया तो यहां लागू करेंगे! यहां हो गया तो वहां करेंगे ये क्या है? आधा लीटर दूध मोदी जी और शाह ने कर्नाटक में देने को बोला तो मध्यप्रदेश और गुजरात में दे रहे हैं क्या ? कर्नाटक की भाषा कर्नाटक में बोले हैं। यहां जरूरत पड़ी तो यहां भी सोचेंगे।