भूमाफिया दीपक मद्दा जेल में ही रहेगा, हाईकोर्ट में 15 दिन आगे बढ़ी सुनवाई, एक मार्च को मथुरा से हुआ था गिरफ्तार

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भूमाफिया दीपक मद्दा जेल में ही रहेगा, हाईकोर्ट में 15 दिन आगे बढ़ी सुनवाई, एक मार्च को मथुरा से हुआ था गिरफ्तार

संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसौदिया को जेल में ही रहना पड़ेगा। हाईकोर्ट इंदौर बैंच में लगी उसकी याचिका पर मंगलवार (14 मार्च) को होने वाली सुनवाई 15 दिन के लिए आगे बढ़ गई है और अब 29 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। अधिक केस के चलते इस याचिका पर सुनवाई का नंबर नहीं आया।  खजराना में आठ दिसंबर 2022 को मद्दा पर दर्ज किए गए गृह विभाग के फर्जी पत्र मामले में केस को लेकर मद्दा ने यह याचिका दायर की हुई है। जिस पर पुलिस पहले  ही जवाब दे चुकी है कि उनकी जांच में यह पत्र फर्जी पाया गया है और गृह विभाग ने मद्दा की रासुका खत्म करने का कभी कोई आर्डर व पत्र जारी नहीं किया है।





मद्दा द्वारा खजराना थाने में दिया गया पत्र फर्जी है। मद्दा को भूमाफिया अभियान के 24 महीने बाद एक मार्च को ही उसे मथुरा से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे इंदौर लाया गया और जेल भेज दिया गया था। जहां वह विशेष दलिया और चाय-बिस्किट खा रहा है, बताया जा रहा है कि जेल की रोटियां उसे नहीं भा रही है तो वह दलिए पर दिन गुजार रहा है। तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा लगाए गए रासुका के तहत उसे गिरफ्तार किया गया है। 





रासुका को लेकर गृह सचिव का लगाया हुआ है फर्जी पत्र





मद्दा ने जमीन धोखाधडी केस में तो कोर्ट से जमानत ले ली, इसके बाद उसने खजराना थाने में गृह विभाग के एससीएस डॉ. राजेश राजौरा का एक पत्र दिया जिसमें लिखा था कि उस पर रासुका निरस्त कर दी जाती है। जब इस पत्र को लेकर थाना प्रभारी दिनेश वर्मा को संदेह हुआ तो उन्होंने गृह विभाग से जानकारी ली, तब पता चला कि यह फर्जी पत्र है। इसके बाद दिसंबर 2022 को उस पर फर्जी पत्र को लेकर भी 420 की धारा में धोखाधड़ी का केस गृह विभाग के आवेदन पर दर्ज किया गया। इसके बाद मद्दा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिस पर अभी सुनवाई जारी है।







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  • कौन है मद्दा





    मद्दा हिना पैलेस, पुष्पविहार से लेकर अयोध्यापुरी इन सभी कॉलोनियों में जमीन की हेराफेरी करने वाला मुख्य किरदार है। मद्दा व अन्य भूमाफियाओ से ही जनवरी-फरवरी 2021 के दौरान चले भूमाफिया अभियान के दौरान जमीन को मुक्त कराया गया था। साथ ही खजराना, एमआईजी थाने में मद्दा सहित दर्जन भर लोगों पर एफआईआर हुई थी, बाकी तो पकडे गए लेकिन मद्दा फरार हो गया, इस पर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया था लेकिन पकड़ में नहीं आया, फरार रहते हुए हा उसने कोर्ट में आवेदन लगाकर जमानत ले ली। लेकिन फिर रासुका से बचने के लिए फर्जी पत्र थाने में दे दिया, जिसमें उलझ गया। 





    इतनी धाराओं में केस हैं मद्दा पर







    • जमीन धोखाधड़ी को लेकर खजराना थाने में- क्राइम नंबर 159, 160, 161 और 162 के तहत चार केस दर्ज है, जो साल 17-18 फरवरी 2021 में हुए। यह केस पुष्पविहार कॉलोनी (मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था) की जमीन की धोखाधड़ी से जुडे हुए है।



  • एमआईजी थाने में- क्राइम नंबर 131 और 132 के तहत दो केस दर्ज है, जो फरवरी 2021 के दौरान हुए थे। यह केस अयोध्यापुरी कॉलोनी की जमीन की धोखाधड़ी से जुड़े हुए है। 


  • इसमें धारा 406, 420, 467, 478, 471, 120बी, 387, 388 और नगर निगम एक्ट की धारा 292 सी में केस हुए हैं। 






  • गृहविभाग के माध्यम से दर्ज हुआ केस





    खजराना थाने में क्राइम नंबर 1214 दर्ज है जो आठ दिसंबर 2022 को हुआ, जिसमें गृह विभाग के फर्जी पत्र और इसमें कूटरचित हस्ताक्षर कर रासुका से गिरफ्तारी से बचने का षडयंत्र था, यह रासुका जमीन धोखाधड़ी को लेकर जिला प्रशासन ने फरवरी 2021 में लगाई थी। इसमें पुलिस ने उस पर 420, 467, 468 और 471 की धारा लगाई है।



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