NEW DELHI. 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन पर मोदी सरकार 75 रुपए का सिक्का लॉन्च करेगी। वित्त मंत्रालय ने 25 मई को इसकी सूचना दी। वित्त मंत्री द्वारा जारी आदेश के अनुसार नए संसद भवन के उद्घाटन के उपलक्ष्य में 75 रुपए का एक विशेष सिक्का लॉन्च किया जाएगा। सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का सिंह शीर्ष होगा, जिसके नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा होगा। बाईं ओर देवनागरी लिपि में 'भारत' और दाईं ओर अंग्रेजी में 'इंडिया' शब्द लिखा होगा।
ऐसा होगा 75 रुपए का सिक्का
सिक्के में रुपए का चिन्ह भी होगा और लायन कैपिटल के नीचे अंतरराष्ट्रीय अंकों में 75 का मूल्यवर्ग लिखा होगा। सिक्के का दूसरा पहलू संसद परिसर की तस्वीर दिखाएगा। ऊपरी परिधि पर देवनागरी लिपि में 'संसद संकुल' और निचली परिधि पर अंग्रेजी में 'पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स' शब्द लिखा जाएंगे।वित्त मंत्रालय ने जो नोटिस जारी किया है, उसके मुताबिक यह 75 रुपए का सिक्का गोलाकार होगा और इसका क्षेत्रफल 44 मिलीमीटर होगा। इस सिक्के के किनारों पर 200 कंगूरे बनाए गए हैं। इस सिक्के को 50 प्रतिशत चांदी, 40 प्रतिशत तांबा, 5 प्रतिशत निकल और 5 प्रतिशत जिंक से मिलाकर बनाया जाएगा।
21 दलों ने कार्यक्रम से किया बहिष्कार
रविवार 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में करीब 25 राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है, वहीं करीब 21 दलों ने समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है। बीजेपी समेत सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 18 घटक दलों के साथ ही 7 गैर-राजग दल समारोह में शामिल होंगे। बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्यूलर), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी समारोह में शामिल होने वाले सात गैर-राजग दल हैं। इन सात दलों के लोकसभा में 50 सदस्य हैं और इनका यह रुख बीजेपी नीत राजग के लिए बड़ी राहत वाला होगा। इन दलों के भाग लेने से राजग को विपक्ष के इन आरोपों का खंडन करने में मदद मिलेगी कि यह एक सरकारी आयोजन है।
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विपक्षी पार्टियां नहीं होंगी शामिल
बता दें कि 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था। संसद भवन के नए परिसर के निर्माण में 861 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान था लेकिन बाद में इसके निर्माण में 1200 करोड़ रुपए खर्च हुए। हालांकि संसद भवन की नई इमारत के उद्घाटन को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। दरअसल, विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति से नए संसद भवन परिसर का उद्घाटन कराने की मांग कर रही हैं। यही वजह है कि 20 विपक्षी दलों ने संसद भवन के नए परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि राष्ट्रपति को संसद भवन के नए परिसर का उद्घाटन ना कराना और ना ही उन्हें समारोह में बुलाना, देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। वहीं बीजेपी का कहना है कि स्पीकर संसद के संरक्षक होते हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
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