NEW DELHI. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी20 शिखर सम्मेलन की कामयाबी और भारत की अर्थव्यवस्था समेत कई अन्य मुद्दों पर अपनी बात रखी है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा है कि 22 देश भारत से रुपये में व्यापार करने को तैयार हैं। जी20 के सदस्य देशों ने भारत पर भरोसा जताया है। वित्तमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ग्लोबल साउथ की आवाज पर जोर है। जी20 ने क्रिप्टो एसेट्स, ग्लोबल डेब्ट, ब्रेटन वुड्स इंस्टीट्यूशन- इंटरनेशनल मॉनेटरी फोरम और वर्ल्ड बैंक में सुधार की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर सामूहिक चर्चा की थी। इसका सकारात्मक असर पूरी दुनिया पड़ेगा।
किया स्पष्ट : लाइसेंस राज की ओर नहीं बढ़ रहा केंद्र
वित्त मंत्री सीतारमण ने एक इन्टरव्यू में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि उभरते क्षेत्रों के साथ-साथ उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जो नौकरियों पर बड़ा असर डाल सकते हैं। रोजगार को बढ़ावा देना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार लाइसेंस राज की ओर नहीं बढ़ रही है। केंद्रीय मंत्री का यह बयान भारत मे बेरोजगारी और लैपटॉप आयात पर बैन जैसे मुद्दों पर बढ़ती आशंकाओं के बीच आया है।
पीएलआई के लिए क्षेत्रों को चुनने के पीछे का तर्क बताया
वित्त मंत्री ने अपने नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस में एक इन्टरव्यू में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि उभरते क्षेत्रों के साथ-साथ उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है जो नौकरियों पर बड़ा असर डाल सकते हैं। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के लिए क्षेत्रों को चुनने के पीछे के तर्क को समझाते हुए उन्होंने कहा, हमें अपनी लिस्ट में मौजूद डिमांड के अनुसार ही इसे तैयार करना होगा।
लाइसेंस राज पर बोलीं... मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्रों को संभालना जरूरी
सीतारमण ने कहा कि कंपनियों को घरेलू समर्थन विशिष्ट होगा और समयबद्ध तरीके से इसपर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात की बराबर चिंता है कि जब तक हम मैन्युफैक्चरिंग के कुछ क्षेत्रों को समर्थन नहीं देंगे, वे कभी खड़े नहीं हो पाएंगे, लेकिन इससे लाइसेंस राज वापस नहीं आएगा। यह बहुत विशेष, टॉरगेटेड और लिमिटेड समय के लिए था और स्थायी नहीं होने वाला है।’
महंगाई दर लगातार बनी रहने वाली चुनौती
महंगाई दर को नियंत्रित करने का विश्वास दिलाते हुए सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ने कभी भी आयातित मुद्रास्फीति का बोझ उपभोक्ता पर नहीं डाला है। अगर मुद्रास्फीति बढ़ी है तो हम यह कहने के लिए खुलकर सामने आए हैं कि हम इसे कैसे कम करने की कोशिश कर रहे हैं और इसे कम कर रहे हैं। पिछले महीने महंगाई दर 7% को पार कर गई थी, इसके अलावा यह हमेशा 6% या उससे नीचे रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई दर लगातार बनी रहने वाली एक स्थायी चुनौती है और सरकार को आम गरीब नागरिकों को राहत देने के लिए काम करना होगा जिन्हें बाजार से चीजें खरीदनी पड़ती हैं।
सब्सिडी : किसानों पर बोझ नहीं डालेगी सरकार
सरकार पर बढ़ते सब्सिडी बोझ के मैनेजमेंट को लेकर वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि किसान पर बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, दो साल पहले जिस तरह का बोझ हमने अपने ऊपर लिया था जब कीमतें 10 गुना बढ़ गई थीं। हमने अभी भी किसान पर बोझ नहीं डाला है। हम किसानों को महत्व देते हैं और भारत को फूड को लेकर आत्मनिर्भर बने रहना चाहिए।
जीडीपी के 5.9% के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने का भरोसा
सीतारमण ने कहा कि उन्हें वित्त वर्ष 2024 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी ) के 5.9 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने का भरोसा है। उन्होंने कहा, हमारे रिकॉर्ड को देखें ।
रुपये में होगा इंटरनेशनल ट्रेड, कई देशों ने दिखाई दिलचस्पी
रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण पर वित्तमंत्री ने कहा, रुपये के व्यापार में कई देशों की बहुत ज्यादा दिलचस्पी है। जिन देशों के पास अब डॉलर जैसी रिजर्व करेंसी की सुविधा नहीं है, वे रुपये में व्यापार करने से खुश हैं, खासकर इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि यह कई अन्य करेंसी के मुकाबले स्थिर है। भारत एक उभरता हुआ बाजार है। ऐसे में लगभग 22 देश यह देखने के लिए चर्चा कर रहे हैं कि वे रुपये में कैसे ट्रेड कर सकते हैं।
जी-20 की प्रेसिडेंसी का भारत ने किया उपयोग
जी-20 शिखर सम्मेलन के नतीजे को लेकर सीतारमण ने कहा, भारत को इस बार समिट की अध्यक्षता मिली और इसने इस अवसर का उपयोग सभी पहलुओं–राजनयिक, फाइनेंस और अन्य सभी मंत्रिस्तरीय लेवल पर किया है। इसका फायदा भी हमें मिला है।
वित्त मंत्री की 10 बड़ी बातें
1- जी20 में भारत ने सभी मुद्दों पर सहमति हासिल की। यूक्रेन और रूस मुद्दे पर भी जी20 के सभी देशों के बीच साझा सहमति बनी।
2- 22 देश भारत से रुपये में व्यापार करने के लिए तैयार हैं.। जी20 के सदस्य देशों ने भारत पर भरोसा जताया है।
3- क्रिप्टो एसेट्स, ग्लोबल डेब्ट, ब्रेटन वुड्स इंस्टीट्यूशन- इंटरनेशनल मॉनेटरी फोरम और वर्ल्ड बैंक में सुधार की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर जी20 ने सामूहिक चर्चा की है।
4- भारत विकास की जरूरत को समझता है। जी20 के लिए कई शहरों में बैठकें की गईं।
5- जी20 शिखर सम्मेलन से दुनियाभर में भारत की नई छवि बनी है। इस दौरान भारत की शानदार संस्कृति पूरी दुनिया ने देखी।
6- भारत की डिजिटल क्षेत्र में नई पहचान बनी है। एमएसएमई के लिए डिजिटल तकनीक फायदेमंद साबित हो रही है।
7- नरेंद्र मोदी सरकार की योजनाओं से सबको फायदा हुआ है। उज्ज्वला समेत किसी भी योजना में कोई भेदभाव नहीं किया गया है।
8- विपक्ष सनातन धर्म को खत्म करना चाहता है। ये सिर्फ विपक्ष का सनातन विरोध नहीं है बल्कि इनका लक्ष्य हिंदुओं का विरोध करना है।
9- विपक्ष धर्मनिरपेक्षता के नाम पर घड़ियालू आंसू बहा रहा है। कांग्रेस देश को तोड़ने वालों के साथ खडी है। पूरा विपक्ष देश तोड़ने वाले गुट का हिस्सा है।
10 हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। चंद्रयान मिशन में महिलाओं की भागीदारी सभी के लिए एक प्रेरणा है।