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NEW DELHI. कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके गुलाम नबी आजाद ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में इंसानियत का जिक्र किया। उन लोगों पर सवाल उठाए, जिन्हें कुछ अता-पता नहीं और वे उल्टे सवाल पूछते हैं। वहीं, आजाद ने बीजेपी में जाने की अटकलों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने साफतौर पर कहा कि बीजेपी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। ये भी कहा कि वे अपनी खुद की पार्टी बनाएंगे और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। गुलाम नबी ने 26 अगस्त को कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पेज की चिट्ठी लिखी थी, जिसमें राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए थे।
जब मोदी का फोन आया तो जोर-जोर से रो रहा था- गुलाम नबी
आजाद ने बताया कि उन्होंने (नरेंद्र मोदी) एक घटना (राज्यसभा से गुलाम नबी के विदाई भाषण में मोदी का गुजरात में आतंकी हमले का जिक्र) किया था। मैं मोदी साहब को क्रूर आदमी समझता था। उसके बीवी नहीं है, बच्चे नहीं है तो इसको कोई परवाह नहीं होगी, लेकिन उसने कम से कम इंसानियत तो दिखाई। जब में जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री था, तब गुजरात की टूरिस्ट बस के अंदर ग्रेनेड लगा दिया गया था। सामान्यत: घटनाओं में गाड़ी के बाहर ग्रेनेड लगाते थे। इस घटना में लोग ऑनस्पाट मर गए। घटना के बाद I was crying, जोर-जोर से। जब मेरे अफसरों ने मुझे उनका फोन दिया तो मैंने कहा कि बात नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने मेरे रोने की आवाज सुन ली थी। मुझे घायलों का इलाज कराना था, लाशों की व्यवस्था करनी थी। फिर मैंने पीएम से बात की, उनसे दो प्लेन मांगे। एक से घायलों को भेजना था, दूसरे से शवों को। जब शाम को मैं घायलों को छोड़ने गया तो लोग फिर रोने लगे। किसी ने ये नहीं कहा कि हमारा अपना कोई चला गया। मैं फिर फूट-फूटकर रोने लगा। फिर गुजरात के मुख्यमंत्री (तब नरेंद्र मोदी) का फोन आया। मैं उनके लिए नहीं, लोगों के लिए रो रहा था।
#WATCH | "I thought PM Modi to be a crude man but he showed humanity," says Ghulam Nabi Azad pic.twitter.com/LhVHopvdhe
— ANI (@ANI) August 29, 2022
अब तो लोगों को मौजूदा तो क्या, नेहरू-गांधी की हिस्ट्री नहीं पता- आजाद
चिट्ठी लिखने से पहले 6 दिन और बाद में 6 दिन सोया नहीं। जिस पार्टी को हमने खून, सच में खून, खून-पसीना तो मुहावरा है, से खड़ा किया। ये तो जो आज लोग हैं, उन्हें अपने घर का पता नहीं, ये हमसे सवाल करते हैं। इन्हें हमारी करेंट हिस्ट्री तो छोड़िए, नेहरू-गांधी, मुगल-ब्रिटिश हिस्ट्री के बारे में कुछ नहीं पता। सीनियर लोग मिलते नहीं तो इन लोगों (जिन्हें कुछ पता नहीं) के पैर पकड़ते हैं कि पार्टी के खिलाफ बोलो।
#WATCH | Ghulam Nabi Azad says, "I didn't sleep for 6 days before and after writing the letter (G23) because we gave blood for the party. People there today are useless...It's saddening that Congress has such spokesmen who don't even know about us..." pic.twitter.com/3b5C29zSDo
— ANI (@ANI) August 29, 2022
मुझे कयास लगाने से नफरत है, नया अध्यक्ष भी कठपुतली ही होगा - आजाद
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी नेताओं द्वारा बीजेपी में जाने के कयासों को गुलाम नबी ने मूर्खतापूर्ण बताया। कहा कि एक कश्मीरी बीजेपी में कैसे शामिल हो सकता है? मुझे ऐसे कयासों से नफरत है। मैं अपने कॉलेज के दिनों से कांग्रेस का हिस्सा रहा था। बीजेपी में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता। सीनियर लीडर्स का अनुभव राहुल गांधी के लिए कोई मायने नहीं रखता। कांग्रेस को 'भारत जोड़ो' के बजाय 'कांग्रेस जोड़ो' कैंपेन शुरू करना चाहिए। कांग्रेस को 19 अक्टूबर को एक नया अध्यक्ष मिल जाएगा, इस पर गुलाम नबी ने कहा कि नया अध्यक्ष भी गांधी परिवार की कठपुतली होगा।
राहुल पर पार्टी को गर्त में ले जाने के आरोप लगाए थे
गुलाम नबी ने 26 अगस्त को ही सोनिया गांधी को लिखे 5 पेज के लैटर में राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था- राहुल के आसपास जो लोग रहते हैं, वे अनुभवहीन हैं। उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन कर दिया। ऐसा लगता है कि कांग्रेस में राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी और पर्सनल स्टाफ ही सारे फैसले ले रहे हैं। राहुल के राजनीति में आने के बाद जब उन्हें पार्टी का वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया था, उन्होंने कांग्रेस के काम करने के तौर-तरीके और सलाह देने वाले तंत्र को ही खत्म कर दिया।
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