शिव मंदिर या प्यार की निशानी! आगरा नगर निगम में ताजमहल का नाम बदलने पर आज चर्चा संभव, बीजेपी पार्षद ने दिया प्रस्ताव और दस्तावेज

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Atul Tiwari
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शिव मंदिर या प्यार की निशानी! आगरा नगर निगम में ताजमहल का नाम बदलने पर आज चर्चा संभव, बीजेपी पार्षद ने दिया प्रस्ताव और दस्तावेज

AGRA. प्रेम की निशानी के लिए दुनियाभर में मशहूर ताजमहल का नाम बदलने की कवायद एक बार फिर शुरू हो गई है। आगरा के नगर निगम सदन में 31 अगस्त को ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने का मुद्दा गरमा सकता है। नगर निगम में ताजमहल का नाम बदलने पर चर्चा हो सकती है। बीजेपी के पार्षद शोभाराम राठौर चर्चा के लिए प्रस्ताव लगाया है।



प्रस्ताव में पार्षद ने दिए सबूत



बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर का कहना है कि शाहजहां की बेगम मुमताज महल का असली नाम अजुर्मंद बानो था। मुमताज की मौत (1631) ताजमहल के निर्माण (1653) से 22 साल पहले हो चुकी थी। मुमताज को पहले बुरहानपुर में दफन किया गया था, ताजमहल बनने के बाद उनकी कब्र दोबारा ताजमहल में बनवाई गई।



'ताजमहल पहले शिव मंदिर था'



पार्षद राठौर के मुताबिक, ताजमहल के अंदर कमल चिह्न के अलावा तमाम ऐसे निशान मौजूद हैं, जो यह बात सिद्ध करते हैं कि ताजमहल पहले शिव मंदिर था। मुगल आक्रांताओ ने इसके स्वरूप को बदलकर इसका नाम ताजमहल कर दिया। यह राजा जयसिंह की संपत्ति थी। कोई भी कब्रिस्तान ऐसा नहीं है, जहां पर महल बना हो।



आगरा के महापौर नवीन जैन का कहना है आगरा नगर निगम के पास ताजमहल का नाम बदलने का अधिकार नहीं है, लेकिन सदन में प्रस्ताव पास होने के बाद आगरा की जन भावनाओं की जानकारी के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।



नगर निगम में बीजेपी का बहुमत



आगरा नगर निगम में बीजेपी पार्षदों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्षद शोभाराम राठौर का प्रस्ताव पास हो सकता है। ताजमहल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा संरक्षित स्मारक है।


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