सावन में रुद्राभिषेक करने के क्या हैं फायदे

महादेव का प्रिय महीना सावन 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और 19 अगस्त तक चलेगा।

शिवपुराण के अनुसार सावन में विधि पूर्वक रुद्राभिषेक करने से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

रुद्राभिषेक कालसर्प दोष को दूर करने, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने में सहायक है।

पति-पत्नी द्वारा रुद्राभिषेक करने से दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ती है।

सावन में रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है, विशेषकर शनि दोष से पीड़ित लोगों को।

रुद्राभिषेक से पूर्व गणेश, पार्वती, ब्रह्मदेव, लक्ष्मी, नवग्रह, पृथ्वी माता, अग्नि देव, सूर्य देव और गंगा की पूजा करें।

शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, इत्र अर्पित करें और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।

शिव को प्रिय वस्तुएं जैसे पान का पत्ता, अक्षत, अबीर, सुपारी, बेलपत्र, रोली, मौली, भांग, जनेऊ, धतूरा, नारियल आदि अर्पित करें।

सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाना, ॐ नमः शिवाय का जप, शिव पुराण का पाठ, सोमवारी व्रत रखना और भोलेनाथ को भोग लगाना शुभ माना जाता है।

गरीबों को दान करने, शिव मंदिर में दर्शन करने और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।