हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरा, चुनाव आयोग ने राज्यपाल को भेजी लाभ के पद को लेकर रिपोर्ट

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Atul Tiwari
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हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरा, चुनाव आयोग ने राज्यपाल को भेजी लाभ के पद को लेकर रिपोर्ट

Ranchi. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किल बढ़ गई है। चुनाव आयोग (Election Commission) ने हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोपों पर अपनी राय राज्यपाल को भेजी है। इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा मेंबरशिप पर खतरा मंडराने लगा है। राज्यपाल चुनाव आयोग की सिफारिश पर सोरेन की सदस्यता भी रद्द कर सकते हैं। 



सोरेन पर खनन पट्टा जारी करने का आरोप



चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को एक याचिका पर अपनी राय भेजी है, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा जारी करके चुनावी कानून का उल्लंघन करने के लिए एक विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। चुनाव आयोग ने 25 अगस्त को बंद लिफाफे में अपनी राय राज्यपाल को भेजी है। झारखंड के राज्यपाल ने इस मामले को चुनाव आयोग के पास भेजा था। इस मामले में बीजेपी ने शिकायत दर्ज कराई थी।



अंतिम फैसला राज्यपाल के हाथ में



संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल को करना होता है। हालांकि, ऐसे किसी भी मामले में कोई निर्णय देने से पहले राज्यपाल को चुनाव आयोग की राय लेनी होती है और उसी के मुताबिक फैसला करना होता है। सीएम हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोप लगे थे। बीजेपी ने सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में 18 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गई थी। अब चुनाव आयोग ने अपनी राय राज्यपाल को भेजी है। 



सोरेन की सदस्यता गई तो विधायकों को अपना नेता चुनना होगा



अगर हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता जाती है तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। राज्य में नए सिरे से सरकार का गठन होगा। हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायकों को अपना नया नेता चुनना होगा। विधायक दल का नया नेता राज्य का अगला मुख्यमंत्री बन सकता है। राज्य में JMM, कांग्रेस, राजद, एनसीपी की गठबंधन सरकार है। ऐसे में नए नेता के लिए JMM को अपने सहयोगी दलों से भी बातचीत करनी पड़ेगी। 



एक स्थिति यह भी है कि विधानसभा सदस्यता जाने के बाद सोरेन इस्तीफा दें और दोबारा से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लें। इस स्थिति में वे विधानसभा के सदस्य नहीं रहेंगे, लेकिन 6 महीने के भीतर उन्हें चुनाव जीतना होगा।



सोरेने के पास था खनन मंत्रालय



हेमंत सोरेन पर झारखंड का सीएम रहते हुए खनन पट्टा खुद को और अपने भाई को जारी करने का आरोप है। उस वक्त हेमंत सोरेन पर खनन मंत्रालय भी थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में खनन सचिव पूजा सिंघल को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था, पूजा ने ही खनन का लाइसेंस जारी किया था।


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