ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर कुशवाह और मुस्लिम वोटर्स के पास रहती है प्रत्याशी की जीत की चाबी, खराब सड़कें प्रमुख मुद्दा

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर कुशवाह और मुस्लिम वोटर्स के पास रहती है प्रत्याशी की जीत की चाबी, खराब सड़कें प्रमुख मुद्दा

GWALIOR. ग्वालियर चंबल ही वो क्षेत्र था जिसने बीजेपी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को छोड़ा तो उनके साथ कई विधायक बीजेपी में शामिल हुए। ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट के विधायक प्रवीण पाठक सिंधिया के साथ शामिल नहीं हुए बल्कि सिंधिया के खिलाफ मुखर हो गए। बहरहाल, ग्वालियर दक्षिण विधानसभा पहले लश्कर पश्चिम के नाम से जानी जाती थी और इस सीट पर जाति फैक्टर अहम है।





ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट का सियासी मिजाज





2008 में परिसीमन से पहले ये सीट लश्कर पश्चिम नाम से जानी जाती थी। इसके बाद इसका नाम ग्वालियर दक्षिण हुआ। पिछले 20 सालों में कांग्रेस यहां किसी को स्थाई नेता नहीं बना पाई। जबकि बीजेपी ने नारायण सिंह कुशवाह को पहले पार्षद बनाया, फिर विधायक का टिकट देकर मंत्री भी बनाया। बीजेपी के नारायण सिंह 2003, 2008 और 2013 में विधायक बने। इससे पहले 1984 में कांग्रेस ने जातिगत समीकरण बैठाते हुए कामता प्रसाद कुशवाह को टिकट दिया। कांग्रेस का ये गणित सफल हुआ और उन्होंने बीजेपी के शीतला सहाय को हरा दिया था। उसके बाद से कांग्रेस ने कुशवाह को टिकट नहीं दिया। हालांकि 2018 में कांग्रेस के प्रवीण पाठक ने नारायण सिंह कुशवाह को हराकर बाजी मार ली थी।





ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण





ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर जाति का अहम रोल है। ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर प्रत्याशी की जीत की चाबी कुशवाह और मुस्लिम समाज के पास रहती है। यहां 32 हजार कुशवाह वोटर्स और 25 हजार मुस्लिम वोटर्स हैं। ब्राह्मण और मराठा 12-12 हजार हैं। ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में 2 लाख 54 हजार 228 वोटर्स हैं। इसमें से 1 लाख 34 हजार 563 पुरुष और 1 लाख 19 हजार 655 महिला वोटर्स हैं।





ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट का सियासी समीकरण





ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। 20 साल से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था। 2003 से 2018 तक बीजेपी के नारायण सिंह विधायक रहे। 2018 में कांग्रेस के प्रवीण पाठक जीते। 20 सालों में कांग्रेस ने अब तक किसी को स्थाई नेता नहीं बनाया।





ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के मुद्दे





ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर खराब सड़कें प्रमुख मुद्दा हैं। सीवेज और पानी का भी संकट है। लोग रोजगार को लेकर भी अपनी बात मुखरता से रखते हैं। हालांकि मुद्दों के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया के दलबदल का मसला राजनीतिक रूप से अभी भी गर्माया हुआ है और जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, अब कांग्रेस इसे प्रचारित करने में जुटी है तो बीजेपी इस मामले में कांग्रेस का जवाब देने में जुटी है। इसके साथ ही मसला ये भी है कि आखिर क्या कारण है कि इस इलाके से नारायण कुशवाह मंत्री होने के बाद ग्वालियर दक्षिण विकास के मामले में क्यों पीछे है।





इसके अलावा जब द सूत्र ने इलाके के प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ पत्रकारों और आम जनता से बात की तो कुछ और सवाल निकलकर आए..





ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के विधायक प्रवीण पाठक से पूछे सवाल







  • 15 महीने की सरकार में कितने लोगों को बेरोजगारी भत्ता मिला ?



  • 15 महीने की कांग्रेस सरकार में कितने किसानों का कर्ज माफ किया ?


  • ग्रामीण इलाकों में कितनी और कहां-कहां सड़कों का निर्माण करवाया ?


  • लचर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कितने अस्पताल बनवाएं ?


  • पेयजल की समस्या से निपटने के लिए कितने बोरिंग, हैंडपंप बनवाएं ?






  • सवालों के जवाब में विधायक प्रवीण पाठक ने क्या कहा..





    इस मामले में जब विधायक प्रवीण पाठक से जवाब पूछा तो पाठक ने कहा कि पहली बार की विधायकी में उन्होंने जनता से जो वादे किए थे उसे पूरा करने की पुरजोर कोशिश की। प्रवीण पाठक ने बताया कि कोविड में मैं जनता के साथ खड़ा रहा था। यहां के स्कूल, स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधर गईं। जो काम 30 सालों में नहीं हो पाए वो किए। रोजगार को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।





    #MOOD_OF_MP_CG2022 #MoodofMPCG



    MP News मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव MP Assembly Election 2023 Madhya Pradesh Assembly Election mp election Gwalior South Assembly seat Mood of MP CG mp chunav Mood_of_MP_CG2022 Praveen Pathak