देश के दूसरे सीडीएस बने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना के टॉप कमांडरों में शुमार रहे

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The Sootr CG
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देश के दूसरे सीडीएस बने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, सेना के टॉप कमांडरों में शुमार रहे

Delhi. जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) की मृत्यु के नौ महीने बाद सरकार ने बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नामित किया है। अनिल चौहान (Anil Chauhan) देश के डीजीएमएओ, सेना की पूर्वी कमान के कमांडर रह चुके हैं। सेना में 40 वर्षों तक सेवा देने के बाद वे पिछले साल ही सेवानिवृत्त हुए हैं। इन दिनों वे नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटेरियट में मिलिट्री एडवाइजर के पद पर तैनात थे। 





कई कमांड संभाल चुके हैं





रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में नियुक्त किया है जो भारत सरकार, सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) कई कमांड संभाल चुके हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है। जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से ही सीडीएस का सैन्य पद खाली था। 





हेलिकॉप्टर हादसे में हुई थी जनरल रावत की मृत्यु





भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत और उनकी पत्नी की पिछले साल दिसंबर में तमिलनाडु में एक सैन्य हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मौत हो गई थी। इस हादसे में कुल 13 लोग मारे गए थे। हादसे में बचे एकमात्र व्यक्ति, वायु सेना एक ग्रुप कैप्टन की बाद में गंभीर रूप से जलने से मृत्यु हो गई थी। 





तीन सेनाओं को साथ लाने के लिए बनाया था ये पद





63 वर्षीय जनरल रावत ने जनवरी 2020 में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में कार्यभार संभाला था। ये पद तीन सेवाओं- थल सेना, नौसेना और वायु सेना को एकीकृत करने के लिए बनाया गया था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का स्थायी अध्यक्ष होता है और राजनीतिक नेतृत्व को निष्पक्ष सलाह देने के अलावा रक्षा मंत्री का मुख्य सैन्य सलाहकार भी होता है। 





1981 में भर्ती हुए थे





18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में भर्ती हुए थे। वह नेशनल डिफेंस अकेडमी, खडकवासला और इंडियन  मिलिट्री अकेडमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं। मेजर जनरल के रैंक के अधिकारी ने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की  कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली थी।  बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली. इसके बाद वह सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इनचीफ बने और 31 मई 2021 में रिटायर हुए।





मिल चुके हैं कई सम्मान 





उन्होंने डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन के प्रभार भी संभाला है। इससे पहले अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया था।  विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। 



 



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