समरसता से होगा पूजा-पाठ

हिंदू समाज जातीय भेदभाव, कुरीतियों को खत्म करने, मंदिरों में दलितों को भी पूजा-पाठ करने का अधिकार देने सहित कई कदम उठाने जा रहे है।

प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में शंकराचार्य और महामंडलेश्वर अंतिम मुहर लगाएंगे, फिर धर्माचार्य नई हिंदू आचार संहिता को स्वीकार करने का आग्रह देश की जनता से करेंगे।

महिलाओं को अशौचावस्था को छोड़कर वेद अध्ययन और यज्ञ करने की अनुमति होगी। उत्तर-दक्षिण के अंतर के अंतर को खत्म किया जाएगा।

चार साल के अध्ययन, मंथन के बाद इसे काशी विद्वत परिषद और देशभर के विद्वानों की टीम ने बनाया है। नई आचार संहिता पर 70 विद्वानों की 11 टीम और तीन उप टीम बनाई गई थी। हर टीम में उत्तर और दक्षिण के विद्वानों को रखा गया है। टीम ने 40 बार से अधिक बैठक की है।