महालया अमावस्या: पितरों को ऐसे करें प्रसन्न, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

पंचांग के मुताबिक पितृ पक्ष का समापन 21 सितंबर को होगा

यह दिन महालया अमावस्या या सर्वपित्र अमावस्या कहलाता है

महालया अमावस्या पितरों की तृप्ति के लिए अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन है

श्राद्ध के लिए शुभ मुहूर्त कुतुप, रौहिण और अपराह्न काल हैं

कुतुप मुहूर्त सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक है

रौहिण मुहूर्त दोपहर 12:38 बजे से दोपहर 01:27 बजे तक है

जिनको श्राद्ध की तिथि याद नहीं, वे इस दिन श्राद्ध कर सकते हैं

21 सितंबर की रात को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा

यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा

महालया के अगले दिन से ही शारदीय नवरात्रि शुरू होती है