सीबीएसई 12वीं पासआउट स्टूडेंट फाइनल रिजल्ट के आधार पर 30 जुलाई तक ले सकेंगे कॉलेजों में एडमीशन

author-image
Rahul Sharma
एडिट
New Update
सीबीएसई 12वीं पासआउट स्टूडेंट फाइनल रिजल्ट के आधार पर 30 जुलाई तक ले सकेंगे कॉलेजों में एडमीशन

Bhopal. हायर एजुकेशन से संबद्ध प्रदेश के कॉलेजों में सीबीएसई 12वी पासआउट स्टूडेंट के एडमीशन मामले में उच्च शिक्षा विभाग बैकफुट पर आ गया है। दरअसल सत्र 2022—23 के लिए प्रदेश के 1315 सरकारी और निजी कॉलेजों में स्नातक यानि अंडर ग्रेजुएट कोर्स में  प्रवेश प्रक्रिया 17 मई से शुरू कर दी थी, यह प्रक्रिया 16 जुलाई तक चलना थी। जबकि इस अवधि तक सीबीएसई 12वी कक्षा का टर्म—1 का रिजल्ट ही आया था। टर्म—2 की परीक्षा ही 15 जून तक हुई। सीबीएसई ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि टर्म—2 के बाद फाइनल रिजल्ट जुलाई के अंतिम सप्ताह तक आएगा। बावजूद इसके उच्च शिक्षा विभाग सीबीएसई स्टूडेंट को अपने शेड्यूल के अनुसार ही एडमीशन देने की बात पर अड़ा था। जो कि व्यवहारिक नहीं था। सिर्फ द सूत्र ने ही इस मुद्दे को 19 मई को प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद पालक महासंघ ने पूरे मामले को लेकर यूजीसी से पत्राचार किया। यूजीसी ने 13 जुलाई को सीबीएसई स्टूडेंट के एडमीशन को लेकर यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को पत्र लिखा, जिसमें स्पष्ट कर दिया गया कि टर्म—2 के बाद फाइनल रिजल्ट के आधार पर ही कॉलेजों में एडमीशन दिया जाए। जिसके बाद एडमीशन की तारीख बढ़ाकर 30 जुलाई कर दी गई।  





वीडियो देखें











पहले क्या थी दिक्कत





हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट एडमीशन शुरू कर चुका था, पर सीबीएसई की 12वी क्लास का रिजल्ट तो आया नहीं, फिर कैसे प्रवेश होगा? सवाल यह भी था कि यदि टर्म 1 के आधार पर ही एडमीशन दिया जाना है, यानी स्टूडेंट की योग्यता का निर्धारण तो सिर्फ टर्म 1 के रिजल्ट के आधार पर ही तय होगा, ऐसे में टर्म 2 के एग्जाम को स्टूडेंट सीरियली क्यों ले, उसका काम सिर्फ पासिंग मार्कस लाकर भी हो जाएगा। ऐसे स्टूडेंट जिनका फाइनल रिजल्ट अच्छा होगा, पर टर्म 1 में कम प्रतिशत के कारण प्रवेश नहीं ले सके, क्या यह उनके साथ अन्याय नहीं है। द सूत्र ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।







टर्म—1 के आधार पर ही दे देते एडमीशन तो हो जाती बड़ी गड़बड़ी





द सूत्र ने 19 मई को दिखाई खबर में यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया था कि सीबीएसई 12वी के रिजल्ट में टर्म—1 और टर्म—2 के रिजल्ट को फाइनल रिजल्ट में कितना वेजेट दिया जाएगा, जब यह तक तय नहीं है तो फिर कैसे कॉलेजों में सिर्फ टर्म—1 रिजल्ट के आधार पर एडमीशन दिया जा सकता है। अब जब फाइनल रिजल्ट आया है तब यह स्थिति स्पष्ट हो गई है कि टर्म—1 का 30 प्रतिशत और टर्म—2 के रिजल्ट को 70 फीसदी फाइनल रिजल्ट में लिया है। मतलब यदि टर्म—1 के आधार पर ही एडमीशन हो जाता तो यह माना जाता कि कॉलेजों में 12वी के रिजल्ट के सिर्फ 30 फीसदी अंक के आधार पर ही मेरिट बनाकर एडमीशन दे दिया गया। स्टूडेंट का 70 फीसदी रिजल्ट तो लिया ही नहीं गया।







हायर एजुकेशन की अव्यवहारिक पॉलिसी से गड़बड़ाया एडमीशन





बीते 4 साल के एडमीशन की स्थिति पर गौर करें तो पता चलेगा कि इस साल हायर एजुकेशन की अव्यवहारिक पॉलिसी के कारण एडमीशन का गणित गड़बड़ा गया था। सीबीएसई स्टूडेंट के एडमीशन के लिए बढ़ाई गई तारीख को छोड़ दें तो इस साल अब तक मात्र 2 लाख 35 हजार एडमीशन हुए, जो पिछले 4 सालों की तुलना में करीब आधे ही है। इससे पहले वर्ष 2021 में यूजी में 4.90 लाख, वर्ष 2020 में 4.36 लाख और वर्ष 2019 में 4.10 हजार एडमीशन हुए थे।







सीबीएसई स्टूडेंट की ही 66 फीसदी सीटें रह गई खाली





हायर एजुकेशन भले ही टर्म—1 के रिजल्ट के आधार पर एडमीशन कराने की जिद पर अड़ा रहा, लेकिन स्टूडेंट फाइनल रिजल्ट का इंतजार करते रहे। यही कारण है कि सीबीएसई स्टूडेंट ने कॉलेज में एडमीशन के लिए आवेदन ही नहीं किया। नतीजा यह रहा कि सीबीएसई स्टूडेंट द्वारा हर साल भराई जाने वाली 66 फीसदी सीटे खाली रह गई। हर साल करीब 60 हजार सीबीएसई स्टूडेंट हायर एजुकेशन से संबद्ध कॉलेजों में एडमीशन लेते हैं, इस बार अब तक मात्र 20 हजार ने ही एडमीशन लिया। अब 22 जुलाई को जब सीबीएसई 12वी का रिजल्ट आया है, ऐसे में अब इन सीटों पर तेजी से एडमीशन होने की उम्मीद है।







विभाग के ऐसे बदले स्वर...





द सूत्र ने जब इस मामले में पहले उच्च शिक्षा विभाग के एडमीशन सेल के प्रभारी धीरेंद्र शुक्ला से बात की थी तो उन्होंने कहा था कि यह केवल टर्म 1 के आधार पर ही मैरिट बनाकर एडमीशन दिए जाएंगे। टर्म 2 के रिजल्ट का वेट नहीं करेंगे। फाइनल रिजल्ट में जो स्टूडेंट पास हो जाएगा और टर्म 1 के प्रतिशत के आधार पर मेरिट में शामिल होगा, उसे एडमीशन दे दिया जाएगा, जो फेल होगा उसका प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा। हालांकि अब जब द सूत्र ने सीबीएसई स्टूडेंट एडमीशन को लेकर सवाल किया तो धीरेंद्र शुक्ला ने कहा कि 30 जुलाई तक फाइनल रिजल्ट के आधार पर एडमीशन देंगे। सीटें पर्याप्त खाली है, इसलिए कहीं कोई दिक्कत नहीं है।







सरकार से मोटी तन्ख्वाह लेने वालों को क्यों नहीं दिखी ये समस्या





पालक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल विश्वकर्मा ने कहा कि उनका संगठन शुरू से ही इस एडमीशन की इस अव्यवहारिक नीति का विरोध कर रहा था। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी मिले, पर वे अपनी जिद पर अड़े रहे। पालक महासंघ ने उच्च स्तर पर पत्राचार किया, जिसके बाद सीबीएसई स्टूडेंट के एडमीशन के लिए तारीख बढ़ाई गई। कमल विश्वकर्मा ने कहा कि सरकार से मोटी तन्ख्वाह पाने वाले अधिकारियों को एडमीशन से संबंधित पॉलिसी बनाते समय यह समस्या क्यों नहीं दिखी और जब उन्हें इसकी व्यवहारिक दिक्कतों के बारे में बताया गया, वे तब भी क्यों नहीं माने?



मध्यप्रदेश सरकार cbse सीबीएसई रिजल्ट Government of Madhya Pradesh result Student स्टूडेंट College कॉलेज परेशान admission Troubled Policy UGC यूजीसी एडमीशन नीति