BHOPAL. मध्यप्रदेश में होने वाली 1 लाख भर्तियों में आयु सीमा में 3 साल की छूट दी जाएगी। कोरोना की वजह से 3 सालों से भर्ती परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकी थीं। अभ्यर्थियों के हितों का ध्यान रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में आयु सीमा में 3 साल की छूट देने का फैसला किया गया है। ये आयु सीमा छूट भर्ती का पहला विज्ञापन जारी होने के बाद से काउंट होगी। 31 दिसंबर 2023 तक होने वाली भर्तियों में आयु सीमा में छूट मिलेगी।
सीएम शिवराज ने PSC परीक्षा में 3 साल बढ़ाई आयु सीमा
सीएम शिवराज सिंह ने आगामी PSC परीक्षा में आयु सीमा में 3 साल की अलग से छूट देने का ऐलान किया है। यह बात उन्होंने सीएम हाउस में पौधरोपण के बाद कही। सीएम शिवराज ने कहा कि कई छात्रों ने आग्रह किया था कि कोरोना के कारण PSC की परीक्षाएं नहीं हो पाईं। इस कारण वे परीक्षा देने से वंचित रह गए। उन्होंन परीक्षा को लेकर कड़ी मेहनत की थी, लेकिन पेपर नहीं दे सके ,जिसके बाद सरकार ने आयु सीमा बढ़ाने का फैसला किया है।
कोरोना के चलते नहीं दे पाए थे एग्जाम
सीएम ने कहा कि कोरोना काल में PSC परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र पेपर नहीं दे सके। उनकी मेहनत पर पानी ना फिरे, इसलिए सरकार ने आयु सीमा बढ़ाई है। छात्रों ने उम्र सीमा बढ़ाने का तर्क दिया था, जो मुझे ठीक लगा, इसलिए हमने यह फैसला किया है कि आगामी 1 परीक्षा में अधिकतम आयु सीमा में 3 साल की छूट दी जाएगी। ऐसा करने से कोरोना के कारण जो छात्र परीक्षा से वंचित रह गए, वे सभी इसमें शामिल हो पाएंगे।
छुट्टी के दिन अफसरों ने तैयार किए प्रस्ताव
1. पीएससी के रुके नतीजे भी घोषित किए जाएंगे
सरकार 2019 से 2021 तक के रुके हुए पीएससी के रिजल्ट्स भी घोषित करने जा रही है। इस संबंध में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 18 सितंबर को छुट्टी के दिन भी अधिकारियों के साथ बैठक कर सीएस को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया। लॉ डिपार्टमेंट की सहमति मिल गई है। माना जा रहा है कि छात्रों के बढ़ते दबाव को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। अब 2019 से 2021 तक के रुके हुए पीएसपी के परिणाम जल्द घोषित होंगे। इसमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, महिला बाल विकास अधिकारी, नगर पालिका सीएमओ, जनपद सीओ सहित अन्य विभागों के राज्य सेवा के पद शामिल हैं। इसके लिए सरकार ने एक फॉर्मूला निकालते हुए ओबीसी और अन्य वर्ग को साधा है।
2. 14 प्रतिशत आरक्षण देने की तैयारी
जानकारी के अनुसार, सरकार 27% आरक्षण की जगह सिर्फ 14% आरक्षण देने की तैयारी कर रही है। 13% आरक्षण को कोर्ट के आदेश के तहत होल्ड पर रखेगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह फिलहाल इसका राजनीतिक असर देख रहे हैं। ऐसे में कोर्ट का जो आदेश होगा, वह 13 प्रतिशत पर लागू होगा और 14 प्रतिशत पर रिजल्ट जारी होगा। ऐसे में चारों साल के 4000 पदों के 520 पदों के परिणाम रोके जाएंगे और 3480 पदों का नतीजा जारी होगा। भले ही ओबीसी आरक्षण को लेकर पेंच फंसा हो लेकिन सरकार के इस बड़े कदम से एससी, एसटी और सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को बड़ी सौगात मिलेगी जिसकी वे बाट जोह रहे थे और उनके लिए अब बड़ा अवसर आ रहा है।