मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर विवाद, भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय से लेकर सड़क तक प्रदर्शन

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Rahul Sharma
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मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर विवाद, भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय से लेकर सड़क तक प्रदर्शन

Bhopal. मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। उच्चतर माध्यमिक शिक्षक भर्ती की बात हो या माध्यमिक शिक्षक भर्ती की या फिर प्राथमिक शिक्षक भर्ती की सभी जगह युवा अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि आक्रोशित युवा अब लोक शिक्षण संचालनालय से लेकर सड़क तक प्रदर्शन कर रहे हैं। 





NEYU का अर्धनग्न होकर प्रदर्शन





प्राथमिक शिक्षक भर्ती में 51 हजार पद वृद्धि की मांग को लेकर मंगलवार को नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन यानी NEYU ने प्रदर्शन किया। अलग—अलग शहरों से युवा रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर आकर इकट्ठा हुए, जहां से अर्धनग्न होकर रैली के रूप में ज्ञापन देने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले की ओर जाने लगे। सुभाष स्कूल के पास पुलिस ने इन युवाओं को रोक लिया और बस में बैठाकर रातीबड़ थाने की ओर ले गए। इस दौरान युवाओं ने जमकर नारेबाजी की।





DPI में अनिश्चितकालीन धरना जारी





इधर उच्चतर माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक भर्ती के नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर अभ्यर्थी लोक शिक्षक संचालनालय यानी DPI के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। यह धरना सोमवार से शुरू हुआ है। अभ्यर्थी DPI के मेन गेट के सामने ही टेंट लगाकर बैठ गए हैं। इससे DPI की ओर आने जाने वालों को दूसरे गेट का उपयोग करना पड़ रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिल जाते वे लोक शिक्षण संचालनालय के सामने से नहीं उठेंगे। 





शिक्षक भर्ती को लेकर यह है विवाद





प्राथमिक शिक्षक भर्ती यानी वर्ग—3 : प्राथमिक शिक्षकों के प्रदेश में करीब सवा लाख पद खाली है। विभाग सिर्फ 18527 पदों पर भर्ती कर रहा है। युवाओं का कहना है कि पद वृद्धि कर 51 हजार पदों पर भर्ती की जाए। युवा यह मांग इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि ट्राइबल विभाग ने अपने स्कूलों में पद वृद्धि कर शिक्षकों की नियुक्ति की है। नियमानुसार रिक्त पदों के 5 प्रतिशत से अधिक पर नियुक्ति देने से पहले वित्त विभाग से अनुमति लेता है, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने यह अनुमति नहीं ली या अनुमति लेने के सही प्रयास ही नहीं किए। जिसके कारण स्कूल शिक्षा विभाग रिक्त पदों का 5 प्रतिशत यानी 7429 पदों पर ही भर्ती कर रहा है। जबकि ट्राइबल ने वित्त से अनुमति लेकर 11098 पदों पर भर्ती कर दी। 





माध्यमिक शिक्षक भर्ती यानी वर्ग—2 : माध्यमिक शिक्षक भर्ती की द्वितीय काउंसलिंग 6 हजार पदों के लिए की गई। दिसंबर तक च्वाइस फिलिंग भी हो गई, लेकिन नियुक्ति पत्र ही जारी नहीं हो पा रहे हैं। चयनित अभ्यर्थी 3 महीने से नियुक्ति पत्र के इंतजार में है पर विभाग आदेश ही अपलोड नहीं कर पा रहा है। अधिकारी भी खुलकर कुछ नहीं बता पा रहे हैं। जब भी अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र की बात करते हैं तो अधिकारियों का एक ही जवाब होता है, जैसे ही उपर से आदेश होंगे नियुक्ति पत्र जारी हो जाएंगे। कहीं से कोई स्थिति स्पष्ट नहीं होने से अभ्यर्थियों ने डीपीआई के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। 





उच्चतर माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग—1 : माध्यमिक शिक्षक भर्ती की तरह ही उच्चतर माध्यमिक शिक्षक भर्ती को लेकर भी विवाद है। यहां भी द्वितीय काउंसलिंग के 2700 पदों के नियुक्ति पत्र जारी नहीं हुए हैं। इसके अलावा EWS वर्ग 1039 पदों पर भर्ती करने की मांग कर रहा है। जिन 2700 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है विभाग इन्हें नए पद बता रहा है। EWS वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना है कि नए पद के लिए नया विज्ञापन और नया एग्जाम लिया जाना चाहिए था। ऐसा नहीं हुआ है इसलिए विभाग को ट्राइबल डिपार्टमेंट की तरह ही प्रथम काउंसलिंग के बाद रिक्त रह गए पदों पर भर्ती करनी चाहिए। इस मामले में एक दर्जन विधायक सीएम को पत्र भी लिख चुके हैं।  





जिस शिक्षक भर्ती के ये हाल, उससे कमाए 56.20 करोड़





प्रदेश में जिस शिक्षक भर्ती का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है...उससे ही ईएसबी यानी इम्प्लॉय सलेक्शन बोर्ड (पहले नाम व्यापमं और पीईबी) ने 56 करोड़ 20 लाख 92 हजार रूपए कमाए हैं। उच्चतर माध्यमिक यानी वर्ग 1 की परीक्षा 2 लाख 20 हजार अभ्यर्थियों ने दी थी। माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग 2 की परीक्षा 4 लाख 78 हजार 620 अभ्यर्थियों ने दी। वहीं वर्ग—3 यानी प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 7 लाख 99 हजार अभ्यर्थियों ने दी। 





वीडियो देखें- 







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