BURHANPUR: BJP-CONG नहीं लांघ सके परिवारों की देहरी, वोटर कैसे करेंगे फैसला

author-image
New Update

Burhanpur:  #MoodOfMadhyaPradesh #KaunBanegaMahapour परिवारों और पुराने चेहरों को क्राइटेरिया (criteria) की कसौटी पर कसने वाली बीजेपी (BJP) भी जीत की तलाश में परिवारों से बाहर नहीं निकल सकी। कांग्रेस (Congress) भी इस मामले में मजबूर नजर आई और दोनों ही दलों ने महापौर ( Mayor) के चुनाव के लिए चेहरे चुनने में इस बार भी राजनीतिक आधार और अनुभव को प्राथमिकता दी। दोनों ही दलों ने एक ही परिवार (Family) को तीसरी बार महापौर ( Mayor) का टिकट दिया है। बीजेपी (BJP) ने पहले भी शहर की महापौर ( Mayor) रह चुकीं माधुरी पटेल (Madhuri Patel) को प्रत्याशी बनाया है। उधर कांग्रेस (Congress) ने भी शहर के अंसारी परिवार की बहू शहनाज पर भरोसा जताया है। वे औऱ उनके पति इस्माइल अंसारी पहले भी कांग्रेस के टिकट पर महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं।  

माधुरी पटेल-बीजेपी 

ताकतः बीजेपी ने महापौर की कुर्सी के लिए माधुरी पटेल पर भरोसा जताया है। वे पहले भी 2009 से 2014 तक नगर निगम की महापौर रह चुकीं हैं। वे शहर की राजनीति में बखूबी रची-बसी हैं साथ ही उनके परिवार का अच्छा रसूख है। बीए पास माधुरी जिला बीजेपी में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं। पार्टी संगठन में भी अच्छा संपर्क और पकड़ है। उनके पति अतुल पटेल भी पूर्व में 2004 से 2009 तक शहर के प्रथम नागरिक के रूप में महापौर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। शहर में किए गए विकास कार्यों के साथ आरएसएस के सहयोगी संगठनों के सहयोग और समर्थन को अपनी ताकत मान रही हैं।  

चुनौतियांः पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी बुरहानपुर सीट हार गई थी। यहां से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा जीते थे। वे मूलतः कांग्रेस पार्टी के है। शहर की विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा होने से चुनाव में उनकी राह आसान नहीं होगी। बुरहानपुर नगर निगम में महापौर पद के लिए पटेल परिवार को तीसरी बार टिकट मिला है। इसलिए उन्हें परिवारवाद के नाम पर पार्टी में अंदरूनी विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है। यह बात गौर करने लायक है कि पटेल परिवार ने पिछले दो चुनाव मामूली अंतर से ही जीते थे। इस बार का चुनाव उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।

------------------------------------------------

शहनाज अंसारी-कांग्रेस 

ताकतः इधर कांग्रेस प्रत्याशी शहनाज अंसारी के परिवार में भी यह तीसरा टिकट है। इससे पहले भी उन्हें औऱ उनके पति इस्माइल अंसारी को महापौर का टिकट मिल चुका है। वे शहर में कांग्रेस की राजनीति का जाना-पहचाना चेहरा हैं। उन्हें और उनके पति को चुनाव लड़ने का अनुभव है। उन्हें अल्प संख्यक वोटों के साथ कांग्रेस विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के समर्थक वोटर्स का भी समर्थन औऱ सहयोग मिलने की उम्मीद है। 

चुनौतियांः अंसारी परिवार को महापौर के चुनाव में दो बार हार का मुंह देखना पड़ा है। पूर्व में वे खुद बीजेपी प्रत्याशी माधुरी पटेल से चुनाव हार चुकीं हैं। उनके पति भी महापौर के लिए पूर्व में अनिल भोंसले से चुनाव हार चुके हैं। बीजेपी के मुकाबले शहर में कांग्रेस का संगठन कमजोर है। इसी के चलते कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में चौथे नंबर पर रही थी।