ट्रांसफर उद्योग चालू: MP के उच्च शिक्षा मंत्री के स्टाफ ने RSS पदाधिकारी से मांगे 5 लाख

author-image
एडिट
New Update
 ट्रांसफर उद्योग चालू: MP के उच्च शिक्षा मंत्री के स्टाफ ने RSS पदाधिकारी से मांगे 5 लाख

मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की बीजेपी के संगठन महामंत्री सुहास भगत और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जमकर क्लास ली है। क्लास लेने की वजह बताई जा रही है मंत्री के प्राइवेट स्टाफ के दो कर्मचारी, जिन्होंने RSS के एक वरिष्ठ पदाधिकारी से ट्रांसफर के एवज में सीधे 5 लाख रु. मांग लिए थे।

चार दिन पुराना घटनाक्रम

मंत्री के प्राइवेट स्टाफ के जिन दो कर्मचारियों ने रिश्वत मांगी उनमें से एक का नाम नरेश शर्मा है और दूसरे का योगेश चौरसिया। घटनाक्रम चार दिन पुराना बताया जा रहा है, जबलपुर से जुड़े संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता खुद से जुड़े एक सहायक प्राध्यापक के ट्रांसफर के सिलसिले में मोहन यादव के भोपाल स्थित बंगले पहुंचे थे। मंत्री तो बंगले पर मौजूद नहीं थे इसलिए संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता का सामना स्टाफ के इन दोनों कर्मचारियों से हुआ। संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता ने दोनों से ट्रांसफर की प्रक्रिया समझना चाही तो नरेश शर्मा ने इशारों इशारों में जिक्र किया कि 5 लाख रु. देना पड़ेंगे। ।

संघ के पदाधिकारी उगलवाई जानकारी

संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने स्मार्टनेस दिखाते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के समय तो ढाई लाख रु. लगते थे अब 5 लाख क्यों मांगे जा रहे हैं। इस पर नरेश शर्मा ने जवाब दिया कि इसबार कम ट्रांसफर होंगे इसलिए ज्यादा पैसा लगेगा। लगे हाथ नरेश शर्मा ने संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता को नियमों का पाठ भी पढ़ा दिया कि वो जिस व्यक्ति के ट्रांसफर के लिए आए हैं उनका नियमानुसार ट्रांसफर नहीं हो सकता, क्योंकि वो 2019 में भर्ती हुए है और तीन साल तक कहीं और ट्रांसफर के पात्र नहीं है।

सुहास भगत को भेजी मोबाइल रिकॉर्डिंग

संघ के पदाधिकारी ने निजी स्टाफ के साथ हुई इस बातचीत की पूरी रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल फोन में दर्ज कर ली और ये रिकॉर्डिंग सीधे सुहास भगत को भेज दी। इसके बाद दो दिन पहले सुहास भगत ने उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव को बुलाया। दो घंटे तक दोनों की बंद कमरे में मुलाकात हुई।

सुहास भगत और शिवराज ने ली क्लास

बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान संगठन महामंत्री सुहास भगत ने उच्च शिक्षा मंत्री को जमकर फटकार लगाई । इसके बाद बुधवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी मोहन यादव को हिदायत दी कि ट्रांसफर की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतें और इस तरह की शिकायतें नहीं मिलना चाहिए।

मोहन यादव से नहीं हो सका संपर्क

द सूत्र ने इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से उनका पक्ष जानने के लिए मोबाइल फोन पर संपर्क किया लेकिन उन्होंने कॉाल रिसीव नहीं किया। वाट्सएप पर मैसेज भी किया लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया। सूत्रों का ये भी कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने भी उच्च शिक्षा मंत्री को ताकीद किया था कि उनके प्राइवेट स्टाफ में पदस्थ कर्मचारी ट्रांसफर के मामले में गड़बड़ी कर रहे हैं बावजूद इसके मंत्री नहीं चेते। सूत्रों के मुताबिक निजी स्टाफ में तैनात इन दोनों कर्मचारियों को अभी तक बाहर नहीं किया गया है।

मंत्रालय चला रहे कि दुकान?