Jabalpur. जबलपुर के मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का विवादों से चोली-दामन का साथ है। दरअसल विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के केंद्राध्यक्ष डॉ विवेक श्रीवास्तव ने एक पत्र वायरल किया है। जिसमें उन्होंने पैरामेडिकल एग्जाम के को-ऑर्डिनेटर डॉ अजय फौजदार पर इंटरनल एग्जामिनर को भुगतान करने का दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं। पत्र में डॉ फौजदार को ही केंद्राध्यक्ष बनाने की मांग कर दी है। इस बाबत उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की डीन को यह पत्र लिखा है।
जब यह पत्र वायरल हो गया और काफी मुखर रहने वाले डॉ श्रीवास्तव एकाएक चुप भी हो गए हैं। इस मामले में एमयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ सचिन कुचया ने दो टूक कहा है कि पैरामेडिकल परीक्षाओं में भुगतान के संबंध में कोई नियम नहीं है। एक्सटर्नल और इंटरनल एग्जामिनर के भुगतान पूर्व से ही को-ऑर्डिनेटर की सलाह पर केंद्राध्यक्ष द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है जबकि इसका निराकरण हो चुका है।
मामले में डॉ अजय फौजदार ने कहा कि किसी पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया गया। परीक्षाओं में एक्सटर्नल का भुगतान सामान्य प्रक्रिया के तहत कर दिया जाता था, लेकिन संभवतः केंद्राध्यक्ष किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। दूसरी ओर केंद्राध्यक्ष डॉ विवेक श्रीवास्तव का कहना है कि किस आदेश पर परीक्षाएं हो रही थी, इसकी जांच होना चाहिए। मैं किसी भी तरह का भुगतान नहीं करूंगा और मैने जो पत्र डीन को भेजा है उसमें भी साफ तौर पर लिखा है कि डॉ फौजदार को ही केंद्राध्यक्ष बना दिया जाए। मैं चाहता हूं कि पूरे मामले की जांच हो।