/sootr/media/post_banners/b87a3bec743154e8f6ea1a7dfb0a6deebe1eb752570d22242d18cd4e37475cd3.png)
मध्यप्रदेश में स्कूल दोबारा खुलने की तैयारियां हो चुकी हैं। इसके पक्ष में न तो शिक्षा मंत्री थे न ही अधिकारी, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा कर दी। 26 जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे। सबसे पहले 11वीं और फिर 12 वीं की क्लास लगेंगी। ऐसे में अब पैरेंट्स को पूरी फीस भरनी होगी।
बच्चों का भविष्य जरूरी
हालांकि अब भी स्कूल आने के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि विभाग ने पहले से ही स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी थी। स्कूल और अभिभावको से बातचीत की, जिसके बाद ये तय किया गया कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल खोल दिए जाने चाहिए। इसके अलावा स्कूल में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन होगा।
पूरी फीस देनी होगी
अब बड़ा सवाल है कि पैरेंट्स फीस क्यों देंगे, ऑनलाइन क्लास के चलते प्राइवेट स्कूल संचालक अभी सिर्फ ट्यूशन फीस ले रहे हैं। स्कूल फीस को लेकर अभिभावक संघ कोर्ट चले गए थे। ऐसे में कोर्ट ने स्कूल संचालकों को सिर्फ ट्यूशन फीस ही लिए जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन ऑफलाइन क्लास शुरू होते ही स्कूल संचालकों को इससे छूट मिल जाएगी। ऐसे में चाहे क्लास एक दिन लगे, या पूरेह फ्ते स्कूल संचालक पूरी फीस लेने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाना शुरू कर देंगे।
ये बातें रखें याद
किसी भी स्थिति में क्लास में 50% से ज्यादा बच्चे मौजूद नहीं रहेंगे। जहां बच्चों के बैठने की व्यवस्था नहीं है, वहां सप्ताह में एक दिन में छोटे-छोटे ग्रुप में क्लास लगाई जा सकती है। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को अनुमति जरूरी होगी। स्कूल में कोरोना से निपटने के लिए सभी तरीके जैसे सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा। सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का 100% वैक्सीनेशन होना अनिवार्य। वैक्सीन नहीं लगवाने वाले शिक्षक बच्चों को नहीं पढ़ा सकेंगे। बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसे तत्काल अस्पताल ले जाने के साथी ही अभिभावकों को सूचना देना अनिवार्य रहेगा।