मप्र के सरकारी सिस्टम पर इन दिनों एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है... भारी भरकम प्रशासनिक तंत्र के बाद भी आखिर क्यों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बेहद मामूली फैसले अपने स्तर पर लेना पड़ रहे हैं... जबकि इसके लिए अधिकारियों की फौज है... इससे दो बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं वो ये कि क्या सिस्टम सरकार से बड़ा हो चुका है या फिर ये लोकप्रियता हासिल करने का तरीका है... इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश द सूत्र ने की है.. और ये भी देखा कि आखिरकार कितना बड़ा सरकारी तंत्र है... और ये काम क्यों नहीं कर रहा... और ऐसा ही रहा तो क्या मामूली काम के लिए क्या आम आदमी को सीएम से गुहार लगानी पड़ेगी...