BHOPAL.पूरे प्रदेश में मार्च महीने में बिन मौसम बारिश का दौर जारी है। 18 मार्च, शनिवार की शाम को करीब 6.30 बजे गरज-चमक के साथ ओलों के साथ बारिश हुई। इसी के साथ मंदसौर, आगर-मालवा और पन्ना में ओले भी गिरे। तेज आंधी भी चली। खंडवा में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा रतलाम के जावरा में भी तेज बारिश हुई। राजगढ़ में तेज बारिश से मंडी में रखा गेहूं बह गया।
राजधानी में सुबह तेज धूप, शाम को गिरे ओले
राजधानी में सुबह से तेज धूप खिली थी। शाम 5 बजे के बाद से आकाश में बादलों ने डेरा डालना शुरू किया। शाम होते-होते करीब 6:30 कई इलाकों में गरज-चमक और तेज आंधी के साथ बारिश हुई। इस दौरान एमपी नगर, न्यू मार्केट, करोंद, अयोध्या बायपास, भानपुर समेत कई क्षेत्रों में बेर के आकार के ओले भी गिरे।
ये खबर भी पढ़ें...
कई शहरों में बने बारिश के मौसम जैसे हालात
पिछले 24 घंटे में रायसेन के बाड़ी में 2.51 इंच तक पानी गिरा। बैतूल के शाहपुरा में 1.88 और भैंसदेही में 1.11 इंच बारिश हुई। शिवपुरी के बैराड़ में 1.20 इंच पानी गिरा। सिवनी के बरघाट में 2.28, छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में 1.22 इंच पानी गिरा।
20 मार्च तक बारिश होने के आसार
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार उत्तर भारत में एक विक्षोभ सक्रिय बना हुआ है, जो बहुत मजबूत है। इसी के प्रभाव से एक प्रेरित चक्रवात साउथ-ईस्ट राजस्थान में 14 मार्च से बना हुआ है। इससे प्रदेश के में मौसम में बदलाव आया है। 16 मार्च से फिर एक पश्चिमी विक्षोभ बन गया है। दक्षिण-पूर्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी लेकर आ रही है। इन दोनों के मिश्रण से प्रदेश में बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी का असर है। 20 मार्च तक ऐसी ही स्थिति रहेगी।
प्रदेश में पहले भी हो चुकी है बारिश
मध्य प्रदेश में पहले भी तेज बारिश से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। पहले उज्जैन, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, शाजापुर, सीहोर समेत कई जिलों में तेज बारिश के साथ किसानों की गेहूं की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। यहां कई स्थानों पर 80 प्रतिशत तक फसलें खराब हुई हैं।
रायसेन में गिरे ओले
रायसेन के ग्रामीण क्षेत्रो में शनिवार की तीन बजे के बाद अचानक मौसम ने अपना रुख बदल लिया। बारिश के साथ ओलावृष्टि भी। देखते ही देखते ओलों की चादर बिछ गई। इस प्राकृतिक आपदा से किसानों की रबी की फसलें बड़े पैमाने पर खराब होने की संभावना बन गई है।