इंदौर से लेकर देश के कई शहरों में एमबीए चायवाला की फ्रेंचाइजी लेने वाले घाटे में, कानूनी नोटिस से लेकर थाने तक में आ रही शिकायतें

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The Sootr
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इंदौर से लेकर देश के कई शहरों में एमबीए चायवाला की फ्रेंचाइजी लेने वाले घाटे में, कानूनी नोटिस से लेकर थाने तक में आ रही शिकायतें

संजय गुप्ता, INDORE. एमबीए चायवाला यानी मिस्टर बिल्लौरे अहमदाबाद के नाम से विख्यात है। स्टार्टअप के संचालक प्रफुल्ल बिल्लौरे और उनके भाई विवेक बिल्लौरे है। इनके खिलाफ इंदौर के थानों में शिकायत आवेदन आए हैं। इसकी जानकारी मिलने के बाद द सूत्र के पास देश के कई शहरों से इस फ्रेंचाइजी को लेकर शिकायतों की जानकारी पहुंची है। 





लोगों ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी में भी शिकायत की 





इंदौर के साथ ही ग्वालियर, यूपी के कानपुर, लखनऊ, बिहार के दरभंगा, गुजरात के बडौदा, गांधीनगर सभी जगह के फ्रेंचाइजी लेने वाले घाटे में हैं। इनके लाखों रुपए डूब चुके हैं। लाखों की धोखाधड़ी अब करोड़ों में पहुंच गई है। कुछ लोगों ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी में भी शिकायत की थी, लेकिन 14 मार्च को यह शिकायत बंद कर दी गई। इसके पीछे यह कारण बताया कि यह कांट्रेक्ट के उल्लंघन की शिकायत है, जो कंपनी एक्ट 1956 के दायरे में हमारे स्तर पर डील नहीं की जा सकती है। वहीं कुछ फ्रेंचाइजी संचालकों ने कानूनी नोटिस भी कंपनी को पहुंचा दिए हैं। वहीं पुलिस थाने में भी शिकायतें की जा रही है। 





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इस तरह के मामले आ रहे सामने





इंदौर में छह फ्रेंचाइजी खुली है, जिसमें किसी ने दस लाख दिए तो किसी ने 15 लाख रुपए देना बताया। चार फ्रेंचाइजी बंद हो चुकी है। बाकी भी बंद होने की कगार पर है। इन्होंने इंदौर के थाने में शिकायत कर दी है। प्रयागराज में भी 30 लाख और एक अन्य की 20 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत है। सिद्दार्थ केसरवानी ने थाने में शिकायत की है। वहीं दूसरे ने नोटिस दिया है। कोर्ट में भी केस लगा रहे हैं। 





छह माह में तीन लाख का नुकसान 





लखनऊ के सर्वचंद्र राय ने बताया कि छह माह में फ्रेंचाइजी में उसे तीन लाख का नुकसान हुआ है और 21.50 रुपए सेटअप में लग चुके हैं। इसे एक तारीख को बंद करके कंपनी को नोटिस भेज रहे हैं। उनके सारे वादे झूठे साबित हुए है। हर दिन मुश्किल से ढाई से तीन हजार की आवक, जबकि साढे़ चार हजार खर्च होता है। यानी हर दिन डेढ़ हजार का नुकसान हो रहा है।





कंपनी के मैनेजर से भी हो चुका है विवाद





गुजरात के बडौदरा के यश शाह बताते हैं कि इंटीरियर में मेरे 30 लाख लगवाकर काम करवाया है। कोई फायदा नहीं हो रहा है। कंपनी के मैनेजर से भी मेरा विवाद हो चुका है, वह कोई मदद नहीं कर रहे हैं। मैं भी बंद करने जा रहा हूं।  इससे घटिया फ्रेंचाइजी देश में कोई नहीं हो सकती है। गुजरात के गांधीनगर के युवराज बताते हैं कि 30-35 लाख रुपए लग चुके हैं और घाटे में ही है। इसी तरह वृंदावन, कानपुर, दरभंगा व अन्य शहरों के भी लोग पीड़ित हैं।





कंपनी ने न्यायिक क्षेत्र इंदौर को बनाया हुआ है





फ्रेंचाइजी लेने वालों ने बताया कि कंपनी ने इंदौर को कांट्रेक्ट विवाद के लिए न्यायिक क्षेत्र बनाया हुआ है। ऐसे में कंपनी द्वारा हमारा निराकरण नहीं करने पर हम कंपनी के खिलाफ केस करेंगे। कंपनी के सारे वादे झूठे साबित हुए हैं और यह बेकार फ्रेंचाइजी है। कंपनी ने निवेशकों की जेब से 20-30 लाख रुपए लगवा दिए गए। फ्रेंचाइजी के नाम पर मोटी रकम ले ली। हम सभी घाटे में चल रहे हैं। कंपनी किसी तरह से मामले सुलझाने के मूड में नहीं है। हम सभी लगातार उन्हें यह मामले महीनों से बता रहे हैं कि हम सभी घाटे में चल रहे हैं, लेकिन वह कोरे आश्वासन दे रहे हैं। 





एमबीए चायवाला ने कहा- कुछ लोेग कंपनी के खिलाफ भड़का रहे हैं





इस मामले में द सूत्र को कंपनी ओर से कुछ दिन पहले बताया गया था कि सब कुछ करार के तहत विधिक प्रक्रिया के जरिए किया गया है। एक-दो लोगों को समस्या है। वह बेवजह सभी को एकजुट कर कंपनी के खिलाफ भड़का रहे हैं। हम सभी से मिलकर, जो भी उनके इश्यू है, उसे साल्व कर रहे हैं। बिजनेस कम करने पर लोग बेवजह पूरी राशि आदि की मांग कर रहे हैं, जो गलत है। किसी तरह का कंपनी को लेकर विवाद नहीं है। केवल कुछ लोग है, जो इसे अलग रूप दे रहे हैं। कंपनी सभी से मिलकर उनकी समस्या दूर करने के लिए तैयार है, वह कंपनी से मिल सकते हैं। 





इंदौर में यह हुई है लिखित शिकायत





इंदौर में हुई एक शिकायत में फ्रेंचाइजी लेने वालों ने कहा है कि एमबीए चायवाला ने फ्रेंचाइजी के बदले 20 लाख रुपए और जीएसटी अलग ली थी। आश्वासन किया गया था कम से कम दस हजार रुपए की बिक्री होगी और महीने के 77 हजार रुपए की कमाई होगी, जो दो लाख से ज्यादा तक चली जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। 





हर दिन दस हजार चाय बिकेगी, ऐसा था वादा





शिकायतकर्ताओं ने बताया कि वादा किया गया था ढाई-तीन किमी के दायरे में अन्य किसी को फ्रेंचाइजी नहीं देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुअ। एक ही एरिया में दो-तीन लोगों को फ्रेंचाइजी दी गई। प्लान में बताया गया था कि कम से कम हर दिन दस हजार चाय बिकेगी। इसके बाद चाय की बिक्री 20 हजार चाय प्रति दिन तक हो जाएगी। दस हजार की बिक्री भी होती है, तो हर महीने 77 हजार की कमाई होगी। यानी साल भर में 9.24 लाख रुपए कमाई होगी। वहीं अधिकतम चाय बिक्री होती है तो महीने में 2.69 लाख की कमाई होगी यानी सालाना कमाई 32.28 लाख रुपए होगी। वहीं शिकायतकर्ताओं ने द सूत्र को बताया कि मुश्किल से हर दिन 500 से 600 चाय बिक रही है और सभी घाटे में चल रहे हैं। सभी एक-एक कर फ्रेंचाइजी बंद कर रहे हैं। हमारे कारोबार को संभालने के लिए उनसे बात की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। 





कौन है एमबीए चायवाला





प्रफुल्ल बिल्लोरे बीकॉम पास और एमबीए ड्रापआउट है और वह 26 साल के हैं। वह मूल रूप से धार जिले के लबरावदा गांव के हैं। एमबीए करने की चाहत में अहमदाबाद गए थे, लेकिन उनका आईआईएम में एडमिशन नहीं हो पाया। शुरुआत में मैकडानल्ड में नौकरी करने लगे, लेकिन मन नहीं माना तो पिता से दस हजार रुपए लेकर चाय का ठेला लगाया। अच्छी इंग्लिश थी, तो उनके पास धीरे-धीरे ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी। उन्होंने मिस्टर बिल्लौरे अहमदाबाद के नाम से एमबीए चायवाला नाम रख लिया। इसके बाद स्टार्टअप चल निकाला और आज टर्नओवर तीन से चार करोड़ रुपए प्रति साल का है। कंपनी की देश में करीब 150 फ्रेंचाइजी है। एक फ्रेंचाइजी लंदन में भी है। कंपनी और भी देशों में बिजनेस बढ़ाने में जुटी है।



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