गैंगस्टर एक्ट पर उलझन: सरकार को दुरुपयोग की आशंका, विंटर सेशन में विधेयक मुश्किल

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गैंगस्टर एक्ट पर उलझन: सरकार को दुरुपयोग की आशंका, विंटर सेशन में विधेयक मुश्किल

भोपाल। संगठित अपराध पर नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कड़ा कानून (गुंडा नियंत्रण अधिनियम) लागू करने को लेकर प्रदेश सरकार उलझ गई है। दरअसल, सरकार को इस बात की आशंका है कि कहीं इस कानून का दुरुपयोग न हो जाए। यही वजह है कि सरकार प्रस्तावित कानून का ड्रॉफ्ट (Gangster act draft) तैयार करने में पूरी बारीकी से होमवर्क कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj) ने संगठित अपराधियों की नकेल कसने के लिए गैंगस्टर कानून (mp anti gangster act) लाने की घोषणा 5 अगस्त को की थी। माना जा रहा था कि विधानसभा के 20 दिसंबर से होने वाले शीतकालीन सत्र (MP Assembly winter session) में नए कानून का विधेयक पेश किया जाएगा। लेकिन इसका ड्रॉफ्ट फाइनल नहीं हो पाने के कारण अब इस बात की संभावना बेहद कम है कि संबंधित विधेयक शीतकालीन में पेश हो पाए।

संगठित अपराध में शामिल की जाएंगी ये अवैध गतिविधियां

दरअसल प्रदेश सरकार महाराष्ट्र (Maharashtra Gangster Law) और उत्तर प्रदेश के कानून (up govt laws) के आधार पर प्रस्तावित कानून का तैयार करने में जुटी है। इन दोनों राज्यों में बड़े और संगठित गैंगस्टर्स हैं। लेकिन मध्यप्रदेश की बात की जाए तो अभी यहां बड़े स्तर संगठित अपराध करने वाले गिरोह न के बराबर हैं। ऐसे में यदि सख्त कानून लागू किया जाता है तो कहीं इसका दुरुपयोग न होने लगे। इसी को लेकर प्रस्तावित कानून में तमाम बारीकियों को देखा जा रहा है। जानकारों के मुताबिक इसमें अवैध और मिलावटी शराब, मानव तस्करी (human trafficking), नकली दवा (counterfeit medicine), अवैध हथियारों का निर्माण-व्यापार (Illegal weapon) और अवैध खनन जैसे संगठित अपराधों को शामिल किया जा सकता है।

नए कानून में UP के कड़े प्रावधान शामिल किए जाएंगे

नए कानून में उत्तर प्रदेश के गुंडा नियंत्रण अधिनियम (gunda control act) 2021 में शामिल कड़े प्रावधानों को शामिल किया जाएगा। यूपी में यह कानून 1970 से लागू है लेकिन योगी सरकार (Yogi Govt) ने इसी साल मार्च में संशोधित विधेयक विधानसभा से पारित कराया है। सूत्रों का कहना है कि इसी के बाद से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसे मध्यप्रदेश में लागू करने का मन बनाया। 

राष्ट्रपति से मंजूर कराना होगा नया कानून

राज्य सरकार को प्रस्तावित गैंगस्टर विधेयक को विधानसभा से पारित कराने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजना होगा। इसकी वजह प्रस्तावित कानून में CRPC और एविडेंस एक्ट में बदलाव किया जाना है। ऐसे में इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होगी। 

आरोपी से पूछताछ के लिए ज्यादा रिमांड ले सकेगी पुलिस

नए गैंगस्टर कानून (New Gangster Law) में पुलिस को ज्यादा अधिकार मिलेंगे। आरोपी से पूछताछ करने के लिए उसे रिमांड पर लेने की अवधि अधिकतम दो माह हो जाएगी। वर्तमान में यह 14 दिन है। ऐसे में आरोपी अपराधी को आसानी से जमानत नहीं मिल पाएगी। पुलिस को उससे पूछताछ के लिए पर्याप्त समय भी मिल सकेगा।

कलेक्टर को मिलेगा संपत्ति कुर्क करने का अधिकार

प्रस्तावित कानून में कलेक्टर को भी अधिकार दिए जा रहे हैं। अपराधियों को पकड़ने के बाद उनकी संपत्ति की जांच की जाएगी। यदि वे अपनी संपत्ति को खरीदने का जायज जरिया नहीं बता सकेंगे तो कलेक्टर उनकी संपत्ति कुर्क (property attachment) कर सकेंगे।

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