देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर में सड़क के किनारे आग से झुलसने के कारण घायल पड़े फकीर को देर रात (5 अप्रैल) अस्पताल वालों ने यह कहकर इलाज देने से मना कर लौटा दिया कि वे पुलिस में एफआईआर कराके आए। वह वापस लौट आया और सुबह ( 6 अप्रैल) को जब इसकी जानकारी प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट को लगी तो वे मौके पर पहुंच गए। उन्होंने वहीं पूरा प्रशासन तलब कर लिया और तब तक वहीं खड़े रहे, जब तक सरकारी अमला फकीर को लेकर उपचार के लिए अस्पताल तक नहीं ले गया।
रात को किसी ने लगा दी थी झोंपड़ी में आग
बताया जा रहा है कि ग्वालियर के मुरार सर्किट हाउस के पास ही सड़क के किनारे एक फक्कड़ फकीर रहता है। बीती देर ( 5 अप्रैल) रात कोई शरारती लोग उसकी झोंपड़ी में आग लगा गए। वह सो रहा था, पॉलीथिन की झोंपड़ी में आग लगने का जब तक उसको पता चला, तब तक वह झुलस चुका था। इस बीच सड़क से गुजर रहे राहगीरों ने बुजुर्ग को तड़फते देखा। वे उसे अस्पताल तक छोड़ आए। लेकिन अस्पताल वालों ने यह कहकर उसे वापस कर दिया कि पहले वह थाने जाकर एफआईआर दर्ज कराके आए। वह बेचारा अपनी जली हुई झोंपड़ी पर ही लौट गया।
ये खबर भी पढ़िए...
सुबह सूचना प्रभारी मंत्री तक पहुंची
सुबह क्षेत्र के एक पूर्व पार्षद मॉर्निंग वॉक पर निकले और हनुमान जयंती पर पास स्थित मंदिर से लौट रहे थे, तभी उनकी निगाह दर्द से तड़फ रहे फकीर पर पड़ी। वे वहां रुके और उससे बातचीत की। वे सीधे सामने ही स्थित सर्किट हाउस में घुस गए जहां प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट आए हुए थे।
पूरा प्रशासन मौके पर ही बुलाया
सिलावट ने जब मौके पर बुजुर्ग का हाल देखा तो वह भी उसकी दशा देखकर सिहर उठे। उन्होंने तत्काल ही प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को फोन लगाकर सबको मौके पर ही बुलाया और तब तक वहीं खड़े रहे जब तक सब वहां नहीं आ गए। उन्होंने घायल बजुर्ग फकीर को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया और बीजेपी के कुछ नेताओं को भी वहां इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भेजा। प्रभारी मंत्री के इस मानवीय कार्य की सभी ने तारीफ भी की।