देव श्रीमाली, GWALIOR. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविंद सिंह ने विधायक उमंग सिंगार पर बगैर किसी जांच के झूठा केस दर्ज करने के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा केस दर्ज कर विपक्षी नेताओं का चरित्र हनन कर जेल में डालने को सरकार ने परम्परा बना लिया है। उन्होंने कहा सांसद संजय राउत और पी चिदम्बरम को महीनों जेल में डाला और फिर कोर्ट में कोई आरोप साबित नहीं कर पाए इसी तरह अब एक आदिवासी विधायक के खिलाफ किया गया।
राहुल गांधी की यात्रा से बेचैनी
मध्यप्रदेश के कांग्रेस विधायक उमंग सिंगार को लेकर नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविंद सिंह ने बड़ा बयान दिया है। डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा है की राहुल गांधी की यात्रा से बीजेपी को बैचेनी है, इसलिए योजनाबद्ध तरीके से प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले जांच करना चाहिए, फिर मामला दर्ज होना चाहिए। क्योंकि 80 से 90 फीसदी झूठे दर्ज हो रहे हैं फिर समझौता हो जाता है।
आजकल तो सुप्रीम कोर्ट के जजों पर भी आरोप लगते हैं
उन्होंने कहा कि मैं ग्रामीण परिवेश से आता हूं, 90.95 फीसदी मामलों में पैसा लेकर समझौते होते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा है, पहले भी उमंग सिंगार के ऊपर मामला दर्ज हुआ था, फिर उसी महिला ने मामले को वापस ले लिया था। उसने अपनी गलती मानी और बयान बदल लिए, लेकिन अब हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के जजों पर भी आरोप लग सकते हैं तो फिर किसी पर भी आरोप लग सकते है। लेकिन मैं कहना है चाहता हूं इस प्रकार दुरूपयोग बीजेपी के शासनकाल में हो रहा है।
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आरोपियों के पैतृक मकान तोड़ना गलत
डॉ. सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसी पर आरोप लगने पर उसके पैतृक मकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान को ध्वस्त करने को गैर कानूनी बताया। उन्होंने कहा कि अगर कोई आरोपी है तो उसके खिलाफ कड़े साक्ष्य पेश कर उसे फांसी या फिर कठोर से कठोर सजा दिलवाएं, लेकिन किसी एक आरोपी को न्यायालय में सज़ा दिलाने की जगह उनके परिजनों के साझा और पैतृक मकानों को तोड़ देना गैर कानूनी और अमानवीय भी है।