संजय गुप्ता, INDORE. नेशनल लोक अदालत बकाया टैक्स व अन्य मामलों को तुरंत निपटान के लिए होती है, लेकिन अब इसमें भी सरकारी कर्मचारी और निजी लोगों की सांठगांठ कर सेंध लगाना शुरू कर दिया है। ताजा मामला नगर निगम इंदौर से जुड़ा हुआ है। इंदौर में 12 नवंबर को नेशनल लोक अदालत हुई जिसमें निगम ने भी संपत्ति, जल व अन्य करों पर लगे सरचार्ज में छूट देने का ऑफर दिया, ताकि लोग पुराना टैक्स अतिरिक्त भार वहन किए भर सकें, लेकिन निगम के कर्मचारियों ने देवश्री टॉकीज के संचालक मनोहर लाल देव पर बकाया सरचार्ज में छूट देने की जगह मूल संपत्तिकर में ही छूट देकर 30 लाख का घोटाला कर डाला। हालत यह है कि एक हजार की नगद में राशि काटी और खाते में 6.69 लाख की छूट दे डाली, ऐसा अलग-अलग रसीद बनाकर और कम्प्यूटर में अलग राशि चढ़ाकर खेल किया। मामला सामने आने के बाद निगम ने देव के साथ ही अपने पांच कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में एमजी रोड थाने पर केस दर्ज करा दिया।
यह है मामला
निगम के बेलदार राजेश जोशी द्वारा नगर निगम की ओर यह शिकायत दर्ज कराई गई है। इसमें मनोहर देव के साथ ही निगम कर्मचारी हरीश बारगल, अरूण सिंघल, अतुल मिश्रा, अमित परमार, मनीष श्रीवास को आरोपी बनाया गया है।
यह खबर भी पढ़ें
एफआईआर में यह दर्ज कराया गया: आरोपियों ने मिल जुलकर संपत्तिकर खाते में हेरफेर कर बकाया राशि लैप्स कर निगम को वित्तीय हानि पहुंचाई।
- 1. देवश्री टाकीज के संचालक मनोहर लाल देव, पर 15.94 लाख रुपए का संपत्तिकर बकाया था। नेशनल लोक अदालत के दिन सहायक राजस्व निरीक्षक अतुल मिश्रा, कैशियर गोविंद राठौरए कम्प्यूटर ऑपरेटर मनीष श्रीवास और मास्टर श्रमिक अमित परमार ने मिलकर लाभ पहुंचाया। कैशियर गोविंद राठौर ने संपत्तिकर की बकाया राश वसूली के लिए नकद में एक हजार रुपए की रसीद काटी और 6.69 लाख की छूट दे दी। इसी तरह एक अन्य एक लाख की नकद राशि काटकर इसी खाते में 7.65 लाख रुपए की और छूट दे दी। कर्मचारी श्रीवास और परमार ने सहमति सहमति देते हुए इसे कम्प्यूटर में अपडेट कर दिया। इस तरह एक लाख एक हजार रुपए नकद में रसीद काटकर देव को 14.31 लाख रुपए की छूट दे दी। जबकि छूट सरचार्ज की कुल 1.61 लाख रुपए ही होना थी।