भोपाल का मास्टर प्लान जारी; IAS लॉबी को झटका, टूट सकते हैं अवैध निर्माण, बड़े तालाब का फुल टैंक लेवल और बाघ भ्रमण एरिया में संशोधन

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भोपाल का मास्टर प्लान जारी; IAS लॉबी को झटका, टूट सकते हैं अवैध निर्माण, बड़े तालाब का फुल टैंक लेवल और बाघ भ्रमण एरिया में संशोधन

BHOPAL. भोपाल मास्टर प्लान का प्रारूप (ड्राफ्ट) सरकार ने जारी कर दिया है। अब इस मास्टर प्लान पर 30 दिन के लिए दावे आपत्ति सरकार बुलाएगी। सभी आपत्तियों की सुनवाई के बाद ही प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस नए मास्टर प्लान के आने से आईएएस अफसरों की लॉबी को झटका लगेगा इसका कारण है कि उनकी कॉलोनी व्हिसपरिंग पॉम के एफएआर कोई बदलाव न होकर 0.06 ही रहेगा। तत्कालीन कमलनाथ सरकार में व्हिसपरिंग पॉम का एफएआर 0.75 प्रस्तावित किया था, इसे सरकार ने बदलकर पहले की तरह 0.06 कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के पीछे लो डेनसिटी मे बनी आईपीएस कॉलोनी के बंगलों का निर्माण फिर से अवैध हो जाएगा, यहां भी अफसरों द्वारा एफएआर से ज्यादा निर्माण किया हुआ है।





IAS अफसरों की खींचतान में अटका था भोपाल का मास्टर प्लान





भोपाल मास्टर प्लान पर 18 साल से लगा ग्रहण अब खत्म होने जा रहा है। मास्टर प्लान जारी करने की A से Z तक की पूरी प्रक्रिया हो चुकी है। इसमें देरी की मुख्य वजह थी IAS अफसरों की आपसी खींचतान। पूरा मामला रातीबड़ स्थित व्हिसपरिंग पाम कवर्ड कैंपस कॉलोनी का है, इस कॉलोनी में IAS-IPS अफसरों ने 10 से 15 हजार स्क्वेयर फीट के प्लाट पर करोड़ों रुपए के आलीशान बंगले बना रखे हैं। IAS-IPS की एक लॉबी इन बंगलों को बचाने में लगी हुई है तो दूसरी लॉबी व्हिसपरिंग पाम के बंगलों के निर्माण को अवैध बताने में। इस खींचतान में प्लान अटक गया था। दूसरी लॉबी के पास तर्क है कि बड़ा तालाब बचाना है तो उसके कैचमेंट एरिया को बचाना होगा। 





व्हिसपरिंग पाम में 5 हजार वर्गफीट से ज्यादा का निर्माण





हम आपको बता दें कि मास्टर प्लान में ये एरिया बड़े तालाब के कैचमेंट में आने के कारण व्हिसपरिंग पाम को लो डेनसिटी की श्रेणी में रखा गया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की सरकारी भाषा में लो डेनसिटी एरिया में 0.06 एफएआर दिया जाता है। यानि कि 10 हजार स्क्वेयर फीट के प्लाट पर मात्र 600 वर्गफीट तक ही बना सकते हैं, इसमें सर्वेंट क्वार्टर, कार पार्किंग, लिफ्ट एरिया जैसी सुविधाएं शामिल नहीं है, इन्हें भी जोड़ लिया जाए तो अधिकतम 1500 वर्गफीट ही बना सकते हैं। इसके बावजूद व्हिसपरिंग पाम में 5 हजार वर्गफीट से ज्यादा का निर्माण किया गया है। इसी को लेकर पेच फंसा हुआ था।





प्लान के जारी होते ही  IAS-IPS के अवैध निर्माण टूट सकते हैं





तत्कालीन कमलनाथ सरकार में मास्टर प्लान व्हिसपरिंग पाम का एफएआर 0.06 से बढ़ा कर 0.7 कर दिया गया था, लेकिन प्लान जारी नहीं हो पाया था। तब से ही प्लान मंत्रालय में अटका हुआ था। अब प्लान में फिर से बदलाव कर व्हिसपरिंग पाम का एफएआर 0.7 से कम करके 0.06 कर दिया गया है। इस प्लान के जारी होते ही व्हिसपरिंग पाम में बने करोड़ों के आलीशान बंगलों के बड़े हिस्से अवैध निर्माण में आ जाएंगे। यदि IAS लॉबी का दूसरा पक्ष हावी होता है तो नियमों के आधार पर IAS-IPS के अवैध निर्माण टूट सकते हैं।



 



भोपाल विकास योजना के प्रारूप 2031 में प्रस्तावित संशोधन इस प्रकार है...





1. बड़ी झील तथा इसके जलग्रहण क्षेत्र का संरक्षण और संवर्धन





 नक्शे के अनुसार भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में भूमि उपयोग नक्शे में बड़ी झील की सीमा दर्शाने में त्रुटि हुई थी और जीआईएस इसका क्षेत्रफल 3541.09 हेक्टेयर है बड़ी झील के क्षेत्र को फुल टैंक लेवल (FTL) अनुसार ठीक किया गया है और इसका क्षेत्रफल संशोधन उपरांत 387243 हेक्टेयर है।







  • वेटलेण्ड अथारिटी द्वारा भोज वेटलेण्ड के लिए नियम तैयार कर दिनांक 16 मार्च 2022 को प्रकाशित किए गए हैं।



  • भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में इन नियमों को सम्मिलित किया गया है। वेटलेण्ड रूल्स में बड़ा तालाब और उसके आसपास के क्षेत्र में ऐसी कोई गतिविधि संचालित नहीं की जा सकेगी जिससे तालाब पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।


  • भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में बड़ी झील के दक्षिणी ओर एफटीएल से लगकर एक 45.0 मीटर का 15.7 किलोमीटर लंबा मार्ग, ग्राम बरखेड़ी कला, गौरा, बरखेड़ा नाथु होकर इन्दौर मार्ग पर खजूरी सड़क तक प्रस्तावित किया गया है। इस मार्ग के निर्माण से बड़ी झील के जलभराव क्षेत्र एवं उससे संबद्ध क्षेत्र में जल जीवों, प्रवासी पक्षियों का प्राकृतिक वास प्रभावित होगा


  • भोपाल विकास योजना (प्रारूप) 2031 के जलग्रहण क्षेत्र के ग्रामीण आबादी से 250 मीटर तक ग्राम विस्तार का प्रावधान था। बड़े तालाब की ecology को संतुलित करते हुए इसे घटाकर 100 मीटर तक ग्राम विस्तार का प्रावधान किया गया है। इससे लगभग 484.67 हेक्टेयर ग्राम विस्तार हेतु प्रस्तावित अतिरिक्त भूमि को कृषि उपयोग के अंतर्गत प्रस्तावित किया गया है।


  • बैरागढ़ से इन्दौर मार्ग के उत्तर की ओर बड़ी झील के जलग्रहण क्षेत्र में भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में लगभग 1659 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय और अन्य भूमि उपयोग के प्रावधान किए गए थे। बड़ी झील और इसके जलग्रहण क्षेत्र के संरक्षण की दृष्टि से इन प्रस्तावों को हटाकर इसे कृषि उपयोग के अंतर्गत किया गया है।


  • लालघाटी के समीप बड़ी झील से लगकर हलालपुर क्षेत्र में भोपाल विकास योजना 2005 में प्रस्तावित लेक फ्रंट उपयोग की 30.48 हेक्टेयर भूमि को भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में आवासीय भूमि उपयोग के रूप में प्रस्तावित किया गया था जिससे बड़ी झील पर विपरित प्रभाव पड़ना संभावित था को पुनः लेक फ्रंट के अंतर्गत


  • दर्शाया गया है।






  • 2. बाघ भ्रमण क्षेत्र







    • नगर के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में कलियासोत बांध तथा केरवा बांध के समीप ग्राम रातापानी से ग्राम मेण्डोरा और ग्राम चंदनपुरा तक वन क्षेत्र फैला हुआ है। इस क्षेत्र में बाघों की उपस्थिति होने के कारण यह संवेदनशील क्षेत्र है अतः इस क्षेत्र में निम्नलिखित संशोधन प्रस्तावित है।



  • केरवा बांध से लगे क्षेत्र को भोपाल विकास योजना 2005 में हरित क्षेत्र में दर्शाया गया था किन्तु भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में इसमें से लगभग 51.66 हेक्टेयर भूमि को निम्न घनत्व आवासीय के रूप में प्रस्तावित किया गया है।


  • भोपाल विकास योजना प्रारूप 2001 में ग्राम चंदनपुरा / मेण्डोरा-मेण्डोरी स्थित 357.78 हेक्टयर भूमि शासकीय भूमि को सार्वजनिक भूमि उपयोग में प्रस्तावित किया गया था जो कि वन भूमि होने के कारण इसे वन भूमि के रूप में दर्शाया गया है।


  • कलियासोत बांध से लगकर तथा केरवा मार्ग के पूर्वी ओर के 85.74 हेक्टेयर क्षेत्र को भोपाल विकास योजना- 2005 में हरित क्षेत्र के रूप में प्रस्तावित किया गया था। उक्त क्षेत्र को भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में सार्वजनिक और अर्द्ध सार्वजनिक भूमि उपयोग अंतर्गत प्रस्तावित किया गया है। 






  • 3. केरवा के जल भराव क्षेत्र का सेटेलाईट इमेज अनुसार निर्धारण





    भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में केरवा बांध के एफटीएल में क्षेत्र को भूमि उपयोग मानचित्र पर 340.16 हेक्टेयर क्षेत्रफल में दर्शाया गया था, जो कि वास्तविक जल भराव क्षेत्र से कम था सेटेलाइट इमेज के आधार पर वास्तवित जल भराव क्षेत्र के अनुरूप संशोधन कर केरवा बांध का क्षेत्रफल 446.93 हेक्टेयर निर्धारित कर दर्शाया गया है।





    4. भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में हताईखेड़ा बांध के उत्तर-पश्चिमी भाग में 32.26 हेक्टेयर क्षेत्र को निम्न घनत्व आवासीय क्षेत्र में प्रस्तावित किया गया है, जबकि यह क्षेत्र भोपाल विकास योजना 2005 में हरित क्षेत्र के रूप में आरक्षित किया गया था। जल भराव क्षेत्र के निकट होने के कारण पुनः हरित क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है।





    5. भोपाल विकास योजना 2005 में अरेरा कॉलोनी (ई-1 से ई-5). चूनामटटी, विजय नगर जैसे क्षेत्रों को विशेष आवासीय क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया था। इन क्षेत्रों की पहचान को बनाये रखने के लिए एवं उपलब्ध नगरीय अधोसंरचना के आधार पर विशेष विकास मापदण्ड निर्धारित किये गये थे। भोपाल विकास योजना (प्रारूप) 2031 में इस क्षेत्र में उच्चतर FAR क साथ मिश्रित गतिविधियों को भी प्रस्तावित किया गया था जो कि इन क्षेत्रों के लिए अनुकूल नहीं है। इसलिए इन क्षेत्रों के लिए मिश्रित उपयोग गतिविधियों और FAR के मापदण्डों को संशोधित किया गया है।





    6. मेट्रो टीओडी कॉरिडोर 





    भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 मे मेट्रो रेल के दोनों ओर 500 मीटर के टीओडी कॉरिडोर में मिश्रित गतिविधियों के साथ, एफएआर-3 प्रस्तावित किया गया था। इसमें 2.398.19 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बड़े स्तर पर सघन निर्माण के साथ वाणिज्यिक गतिविधियों संचालित होगी, जिससे वर्तमान शहरी अधोसंरचना जैसे सड़क, जलापूर्ति, जल निकासी आदि पर दबाव पड़ेगा। वास्तविक रूप से मेट्रो रेल का प्रभाव क्षेत्र इतना विस्तारित नहीं होता है और शहरी अधोसंरचनाओं पर संभावित दबाव कम करने के उद्देश्य से मेट्रो रेल के दोनो ओर टीओडी



    कॉरिडोर को 100 मीटर चौड़ा प्रस्तावित किया गया है, जिसके अंतर्गत 514.25 हेक्टेयर क्षेत्रफल निर्धारित किया गया है। 





    8. मार्गों के संबंध में प्रस्तावित संशोधन







    • भोपाल विकास योजना 2005 में अवधपुरी से हताईखेड़ा तक 80 मीटर चौड़ा मार्ग प्रस्तावित किया गया था, जिसका 52 किलोमीटर लम्बा भाग भोपाल विकास योजना (प्रारूप) 2031 में विलोपित था। इस मार्ग से लगकर अनेक अनुमतियां जारी की गई है और इससे कई कालोनियों का प्रवेश दर्शाया गया है, अतः इसे विलोपित किया जाना उचित नहीं है। यह भी सही है कि इस मार्ग के एलाईमेंट में अनेक निर्माण हो गए हैं, अतः इसका युक्तियुक्तकरण किया जाकर इसकी चौड़ाई को 30.0 मीटर निर्धारित करते हुए प्रस्तावित किया गया है।



  • भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में कोलार रोड से बिलकिसगंज तक 60 मीटर चौड़ा मार्ग प्रस्तावित है। इस मार्ग का alignment मौजूदा कान्हाकुंज कालोनी के ऊपर से गुजरता है। विकसित और अधिवासित कॉलोनी होने के कारण मार्ग निर्माण में बाधा उत्पन्न होने की संभावना होने के कारण इस मार्ग के खण्ड को आंशिक रूप से संशोधित कर निकटस्थ शासकीय भूमि पर प्रस्तावित किया गया है।


  • भोपाल विकास योजना (प्रारूप) 2031 में ग्रामीण मार्गों की चौड़ाई प्रस्तावित नहीं की गई थी। चूंकि ग्रामीण मार्ग यातायात के लिये उपलब्ध होते हैं और इनका विस्तारीकरण करने से यातायात के दबाव को कम किया जाना अधिक सहज है। अतः ग्रामीण मार्गों की चौड़ाई को 18.0 मीटर होना प्रस्तावित किया गया है।


  • नहरों के लिए अधिग्रहित की गई भूमि पर नहर के दोनों ओर 15-15 मीटर चौड़े मार्ग प्रस्तावित किए गए हैं। 






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    9. एफएआर से संबंधी तालिका ...







    • प्रारूप विकास योजना में प्रस्तावित एफएआर तालिका में बेस एफएआर, टीडीआर / प्रीमियम एफएआर तथा अधिकतम एफएआर को पुनर्विचार कर प्रस्तावित किया गया है।



  • प्रस्तावित नवीन आवासीय क्षेत्र में बेस एफएआर को कम रखा गया है। प्रीमियम एफएआर और टीडीआर के माध्यम से अतिरिक्त एफएआर का प्रावधान किया गया है। प्रीमियम एफएआर के माध्यम से प्राप्त राजस्व का उपयोग शहरी अधोसंरचना के विकास के लिए किया जाएगा और टीडीआर के प्रावधानों का उपयोग सार्वजनिक उद्देश्यों के लिये भूमि को अर्जित करने के लिये किया जाएगा।


  • भोपाल विकास योजना- 2005 के अनुसार निम्न घनत्व आवासीय क्षेत्रों में एफएआर 1:0.06 के प्रावधान रखे गए थे, जिसको प्रारूप विकास योजना- 2031 में बढ़ाकर 130.78 प्रस्तावित किया गया था चूंकि यह क्षेत्र पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में अथवा इसके निकट स्थित है। अतः निम्न घनत्व वाले आवासीय क्षेत्रों का एफएआर 1:0.06 किए जाने का प्रावधान किया गया है। इससे प्रेमपुरा, सेवनिया गौड़, बरखेड़ी खुर्द, खुदागंज, मेण्डोरी, मेण्डोरा इत्यादी क्षेत्रों में निम्न घनत्व का निर्माण किया जा सकेगा।






  • 10. ग्राम सतगढ़ी में राजस्व भूमि को वन / कृषि भूमि के अंतर्गत प्रस्तावित किया गया था राज्य शासन द्वारा इस भूमि पर स्पोर्ट सिटी प्रस्तावित किये जाने से सार्वजनिक और अर्द्धसार्वजनिक प्रस्तावित किया जा रहा है।





    11. ग्राम हजामपुरा में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के समीप स्थित अतिरिक्त राजस्व भूमि को औद्योगिक क्षेत्र हेतु प्रस्तावित किया जा रहा है।





    12. प्रस्तावित भोपाल विकास योजना प्रारूप 2031 में नियोजन मापदण्डों को भी सरलीकृत किया गया है भविष्य में भवन के आकार तथा ऊंचाई, लम्बाई-चौड़ाई को मार्ग की चौड़ाई के आधार पर निर्माण किए जाने के प्रावधान किए जा रहे हैं। भवन का उपयोग किस प्रयोजन के लिए हो सकेगा, इसके प्रावधान भी स्पष्ट रूप से मार्ग चौड़ाई के आधार पर रहेंगे भवन के अंदर संचालित की जाने वाली गतिविधि को परिवर्तित भी किया जा सकेगा। 



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