Jabalpur. जबलपुर में रक्त की कमी को देखते हुए जिला प्रशासन और रेडक्रॉस सोसायटी की पहल पर मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। जिसके लिए 12 स्थानों पर कलेक्शन सेंटर्स बनाए गए थे। प्रशासन के जागरूकता अभियान को जबलपुर की जनता ने काफी सराहा और बढ़चढ़कर इस रक्तदान मेगाशिविर में हिस्सा लिया। इस दौरान तमाम 12 सेंटरों में शाम तक 2919 लोगों ने रक्तदान किया और एकसाथ रक्तदान के मामले में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है।
कोरोना काल के बाद खाली हो गए थे ब्लड बैंक
बता दें कि कोरोना काल के बाद रक्तदान करने पर पाबंदियां लगा दी गई थीं। जिसके चलते ढाई साल की अवधि में सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक लगभग-लगभग पूरी तरह खाली हो चुके थे। ऐसी विषम परिस्थिति में हादसों में घायल या बीमार व्यक्तियों को खून की आवश्यकता पड़ने पर उनके परिजनों को काफी परेशान होना पड़ रहा था। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बात करें तो यहां के ब्लड बैंक में खून की ऐसी किल्लत थी कि अस्पताल की स्थापना के बाद ऐसे हालात कभी देखे ही नहीं गए थे। ऐसे हालातों को देखते हुए यह मेगा रक्तदान शिविर आयोजित किया गया जिसमें हुए रिकॉर्ड रक्तदान से न केवल ब्लड बैंकों की हालत में काफी सुधार हो जाएगा बल्कि आपात परिस्थिति में मरीजों के परिजनों को भी काफी सुविधा हो जाएगी।
प्रशासन का दावा प्रदेश में सबसे ज्यादा रक्तदान का बना रिकॉर्ड
जिला प्रशासन की ओर से यह दावा किया गया है कि प्रदेश में एक दिन में सबसे ज्यादा रक्तदान का रिकॉर्ड शाजापुर के नाम था जिसे जबलपुर में हुए रक्तदान मेगाशिविर ने तोड़ दिया है। करीब 3 हजार यूनिट रक्तदान कर जबलपुर की जनता ने यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है। जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी और रेडक्रॉस सोसायटी ने इस उपलब्धि के लिए शहर की जागरूक जनता को साधुवाद दिया है।