Advertisment

MP विधानसभा सत्र: संपत्ति नुकसान वसूली बिल पास, कार्यवाही स्थगित, ये है इसके प्रावधान

author-image
एडिट
New Update
MP विधानसभा सत्र: संपत्ति नुकसान वसूली बिल पास, कार्यवाही स्थगित, ये है इसके प्रावधान

भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र (MP Assembly Session) का आज यानी 23 दिसंबर को चौथा दिन है। सरकारी व निजी संपत्ति नुकसान की वसूली (संशोधन) विधेयक 2021 विधानसभा में पास हो गया है। हंगामे के चलते विपक्ष ने वॉकआउट किया था। इसी दौरान सरकार ने इस बिल को पास करा लिया। अब ये बिल राज्यपाल मंगुभाई छगनलाल पटेल के पास जाएगा, उनकी अनुमति मिलने के बाद ये कानून का रूप लेगा। इसके अलावा विधानसभा में शासकीय संकल्प पारित हुआ। फिलहाल हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही आज के लिए स्थगित कर दी गई है।

विधेयक के पास होने के बाद क्या?

मध्य प्रदेश में साम्प्रदायिक दंगे, हड़ताल, धरना- प्रदर्शन या जुलूस के दौरान पत्थरबाजी करने वाले या सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ विधेयक विधानसभा में पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा। इससे पहले ‘लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक व नुकसानी की वसूली अधिनियम- 2021’के प्रस्ताव को 16 दिसंबर को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दी थी।

इसके मुताबिक यदि विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने किसी सरकारी अथवा निजी चल-अचल संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, तो उनसे इतनी ही राशि की वसूल कर मालिक को दी जाएगी। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान भी है। मध्यप्रदेश में लागू होने वाले कानून को यूपी की तर्ज पर बनाया गया है।

रिटायर्ड जज होंगे ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष

Advertisment

नए कानून के तहत ट्रिब्यूनल (Tribunal) का गठन होगा। इसका अधिकार क्षेत्र प्रदेश के सभी जिलों तक रहेगा। इसमें रिटायर्ड जज को कमिश्नर बनाया जा सकता है। IG और सेक्रेटरी रैंक के रिटायर्ड अफसर मेंबर होंगे। धरना-प्रदर्शन और दंगों में सरकारी संपत्ति को नुकसान होने पर कलेक्टर और निजी संपत्ति को नुकसान होने पर संपत्ति मालिक ट्रिब्यूनल में जानकारी देंगे।

हाईकोर्ट में ही अपील हो सकेगी

शिकायत के बाद क्लेम कमिश्नर मौके पर जाकर फोटोग्राफ और नुकसान की रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को देगा। इसी आधार पर ट्रिब्यूनल फैसला देगा। क्लेम कमिश्नर उसका पालन कराएगा। ट्रिब्यूनल को मजबूती देने के लिए इसके फैसले को चुनौती सिर्फ हाईकोर्ट में ही दी जा सकेगी। वसूली देने में आनाकानी हुई तो संबंधित व्यक्ति की संपत्ति की नीलामी भी हो सकती है।

Advertisment

जिला स्तर पर क्लेम कमिश्नर होगा

ट्रिब्यूनल में जिला स्तर पर क्लेम कमिश्नर होगा, जिसका काम एडिशनल या डिप्टी कलेक्टर को सौंपा जाएगा। सरकारी संपत्ति के नुकसान की शिकायत कार्यालयीन अफसर और निजी संपत्ति की शिकायत मालिक करेगा। इसके आधार पर घटना में दोषियों के खिलाफ ट्रिब्यूनल कार्रवाई करेगा। उनसे वसूली कर सरकारी कोष या निजी व्यक्ति के खातों में राशि जमा कराएगी। 

किस राज्य में कब आया एक्ट?

Advertisment

  • हरियाणा- अप्रैल 2021 में हरियाणा ने एक्ट बनाया। इसमें रैली-हड़ताल और प्रदर्शन सभी को शामिल किया गया है। 

  • उत्तर प्रदेश- मार्च 2020 में यह कानून बना। इसमें आंदोलनकारी, रैली, प्रदर्शन और आंदोलनों को शामिल किया गया। पत्थरबाजी की भी निगरानी रहेगी।
  • बीजेपी विधायक का सरकार पर आरोप

    Advertisment

    उधर, सिरोंज से BJP विधायक उमाकांत शर्मा ने शिवराज सरकार की विवाह सहायता योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाया। शर्मा ने 22 दिसंबर को विधानसभा में कहा कि कोरोना काल में जब सब-कुछ बंद था, तब सिरोंज जनपद में सरकारी योजना के तहत 6 हजार कन्यादान के लिए 51-51 हजार रुपए स्वीकृत किए गए। यह राशि भवन और अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियों को विवाह सहायता के नाम से निकाली गई। जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) के खिलाफ एक साल से कार्रवाई नहीं की गई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

    द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :

    https://bit.ly/thesootrapp

    द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:

    ">Facebook  |   Twitter |   Instagram  |  Youtube

    कमलनाथ CONGRESS कांग्रेस BJP बीजेपी kamalnath MP ASSEMBLY मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान winter session CM Shivraj Singh Chouhan The Sootr discussion चर्चा Bills विधानसभा का शीतकालीन सत्र विधेयक बिल पास
    Advertisment