मुरैना में पौधों की नर्सरी बंद कर उसकी जमीन पर प्लॉट काटने का प्रस्ताव, पर्यावरण प्रेमियों ने की चिपको आंदोलन छेड़ने की घोषणा

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Dev Shrimali
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मुरैना में पौधों की नर्सरी बंद कर उसकी जमीन पर प्लॉट काटने का प्रस्ताव, पर्यावरण प्रेमियों ने की चिपको आंदोलन छेड़ने की घोषणा

श्याम मोहन डंडोतिया, MORENA. एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े - बड़े दावे करती है और हर वर्ष अभियान चलाकर वृक्षारोपण करने पर करोड़ों रुपये का बजट खर्च करती है इससे उलट मुरैना में प्रशासन पौधे तैयार करने वाली नर्सरी को ही खुर्द - बुर्द  करने की तैयारी कर चुकी है। इसकी खबर लगते ही शहर के पर्यावरण प्रेमी एकजुट हो गए हैं और उन्होंने इसके खिलाफ सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने एक नवम्बर मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस से चिपको आंदोलन चलाने की घोषणा भी कर है। 





नर्सरी बंद कर भूखंड देने का प्रस्ताव 





 नगर के मध्य भाग में स्थित उद्यानिकी विभाग की नर्सरी को बंद कर इसे भूखंडों में विक्रय किए जाने के प्रस्ताव ने नगर में हलचल मचा दी है। नगर के पर्यावरण प्रेमी जागरूक नौजवान समाजसेवी एवं जनप्रतिनिधि सरकार के इस निर्णय से हैरान हैं। लोक  संपत्ति प्रबंधन विभाग के इस प्रस्ताव से वहां मौजूद सैकड़ों हरे भरे वृक्षों के जीवन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सरकार के प्रस्ताव के विरोध में नगर के लगभग एक सैकड़ा सामाजिक संगठनों के जागरूक युवाओं, जनप्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकत्रित होकर नर्सरी को बचाने के लिए गैर राजनीतिक आंदोलन चलाने का निर्णय लेते हुए एक ज्ञापन अनिवार्य अधिकारी द्वारा के माध्यम से कलेक्टर मुरैना को सौंपा। ज्ञापन सौंपने से पूर्व स्थानीय गांधी लाइब्रेरी में सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त एसडीओ राजकिशोर पाराशर की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में उपस्थित लोगों ने प्रस्ताव को नगर के पर्यावरण का सत्यानाश कर आने वाला बताते हुए इसके विरोध में चिपको आंदोलन प्रारंभ करने ने लिया। 





 ये संगठन हुए एकजुट 





बैठक को पूर्व विधायक महेश दत्त मिश्र, माकपा नेता गण अशोक तिवारी, ओमप्रकाश सैन, कांग्रेस ये प्रभारी जिलाध्यक्ष विष्णु अग्रवाल, रामहेत नेताजी,पेंशनर एसोसिएशन के हरिओम पाराशर,रघुवीर प्रधान, मुरैना से आए पर्यावरण हरेंद्र शर्मा,ब्राह्मण युवा संगठन के देवेश दुबे, राजीव पाराशर, बिस्मिल सेना के अजय सिंह एवं  वरिष्ठ पत्रकार जगदीश शुक्ला आदि ने संबोधित करते हुए सरकार के इस निर्णय की कटु शब्दों में निंदा करते हुए इसके विरोध में आंदोलन चलाने का समर्थन किया। बैठक में आंदोलन की रणनीति पर भी चर्चा हुई। इसी क्रम में जिलाधीश के नाम संबोधित ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी जोरा को सौंपा। इसके उपरांत सभी पर्यावरण प्रेमियों ने लोक संपत्ति विभाग द्वारा प्रस्तावित उद्यानिकी विभाग की नर्सरी में पहुंचकर वहां लगे पेड़ों का अवलोकन किया एवं सरकार के नर्सरी विक्रय के प्रस्ताव के विरोध में आंदोलन किए जाने के संकल्प को दोहराया। बैठक में करह सरकार पर्यावरण क्लब के गिर्राज शर्मा,अर्पित पाराशर संतोषी लाल शर्मा,अमन शर्मा,भरत शर्मा,देवदत्त शर्मा,संजय शर्मा, आशीष शुक्ला, पाठक,महेश शर्मा,अभिषेक जैन, विजय काला आदि ने जनहित में चलाए जाने वाले आंदोलन में हर प्रकार से सहयोग एवं समर्थन देने की घोषणा की।





ब्राह्मण युवा संगठन के नौजवानों ने दिखाई सक्रियता





शासकीय नर्सरी को बेचे जाने के विरोध में सबसे पहले ब्राह्मण युवा संगठन के लोगों ने संवेदनशीलता के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया। संगठन के युवाओं ने वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं से नगर के मध्य में सैकड़ों की संख्या में लगे वृक्षों को काटकर पर्यावरण को तबाह करने के चेताया एवं सरकार के इस निर्णय के विरोध में जन आंदोलन करने का अलख जगाया। संगठन के युवा आज भी पूरे उत्साह के साथ बैठक से लेकर ज्ञापन देने तक सक्रियता के साथ मौजूद रहे।





स्थापना दिवस से प्रारंभ होगा चिपको आंदोलन





पर्यावरण की रक्षा के लिए सामने आए पर्यावरण संरक्षण मंच ने प्रदेश की स्थापना दिवस 1 नवंबर से सरकार के नर्सरी को बेचे जाने के निर्णय के विरोध में चिपको आंदोलन प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। सन के लोगों का कहना है कि यदि 1 तारीख तक हमारे द्वारा सौंपा ज्ञापन पर सरकार द्वारा कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो नगर के पर्यावरण की रक्षा के लिए व्यवस्थित होकर जन आंदोलन प्रारंभ किया जावेगा।



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