कवि छोकर, SEHORE. सीहोर में सालों के संघर्ष और लंबे इंतजार के बाद बना रेलवे ओवर ब्रिज 2 सालों में भी उखड़ने लगा है। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े इस रेलवे ओवर ब्रिज की हालत इतनी खराब है कि ब्रिज पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और इनकी वजह से हादसे होते रहते हैं। 11 करोड़ की लागत से बना रेलवे ओवर ब्रिज बदहाली की दास्तां बयां कर रहा है।
गड्ढो में से झांक रहे तार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में लंबी मांगों के बाद कई गांव को सीहोर शहर से जोड़ने के लिए रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया लेकिन ये ओवर ब्रिज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। ओवर ब्रिज के निरीक्षण में पता चला कि ब्रिज में रोड पर जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं। ब्रिज निर्माण में जिन तारों का प्रयोग किया गया था वे गड्ढों में से झांकते हुए दिखाई दे रहे थे। वहीं जिस मटेरियल का उपयोग किया गया, वो बहुत ही घटिया किस्म का पाया गया।
2020 में हुआ था ब्रिज का लोकार्पण
ओवर ब्रिज का निर्माण सेतु विभाग निगम और रेलवे ने किया था। इस ब्रिज को बनने में 3 से 4 साल लगे। 2020 में कांग्रेस के शासन काल में आनन-फानन में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने ब्रिज का लोकार्पण किया। ब्रिज की रूपरेखा जिस भी इंजीनियर ने बनाई थी वो बहुत गलत तरीके से बनाई थी। इस वजह से यहां आए दिन एक्सीडेंट होते हैं।
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ब्रिज से गुजरते हैं भारी वाहन, स्ट्रीट लाइटें सिर्फ शोपीस
ब्रिज पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं। नो एंट्री के बाद भी ब्रिज से रेत से ओवरलोड डंपर और भारी वाहन गुजरते हैं। ब्रिज पर लगी स्ट्रीट लाइट भी शोपीस बनी हैं। रात में ब्रिज पर अंधेरा छाया रहता है। रहवासियों का कहना है कि ब्रिज बनाने में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। इस वजह से ये 2 साल भी नहीं टिक पाया।