MP में आखिरी सांस तक जेल में रहेंगे आतंकवादी, बलात्कारी और ड्रग्स कारोबारी, पैरोल के भी पात्र नहीं होंगे, निर्देश जारी 

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The Sootr CG
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MP में आखिरी सांस तक जेल में रहेंगे आतंकवादी, बलात्कारी और ड्रग्स कारोबारी, पैरोल के भी पात्र नहीं होंगे, निर्देश जारी 

Bhopal. प्रदेश में अब आजीवन कारावास काट रहे आतंकवादियों, बलात्कारियों, ड्रग्स का व्यापार करने वालों, ज़हरीली शराब के निर्माता/व्यापार करने वालों को अंतिम सांस तक रहना होगा। ऐसे कैदियों को पैरौल पर भी बाहर नहीं आ सकेंगे। इस संबंध में आज 22.9.22 को जेल विभाग द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। पूर्व में जारी दिशानिर्देश को निरस्त करते हुए नए आदेश जारी किए गए हैं। आजीवन कारावास काट रहे बंदियों को साल में 4 बार (15 अगस्त, 26 जनवरी, 14 अप्रैल और 2 अक्टूबर) पात्रताअनुसार समय पूर्व रिहाई और परिहार सम्बन्धी पात्रताओं को स्पष्ट करते हुए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए  हैं। आदेश में अधिनियमों एवं धाराओं में आजीवन कारावास से बंदियों को समय पूर्व रिहाई के लिए तथा नियम में उल्लेखित अपराधों में बंदियों को छुट्टी के लिए अपात्र घोषित किया गया है। ऐसे बंदियों को अंतिम सांस तक जेल में ही रहना होगा और ऐसे बंदियों की छुट्टी की भी पात्रता नहीं होगी। आजीवन कारावास काट रहे ( अपात्र श्रेणी के अपराधों के अलावा अन्य अपराधों में दंडित ) 70 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष बंदियों को 12 साल की सजा काट लेने पर और 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिला बंदियों को 10 साल की सजा काट लेने पर समय पूर्व छोड़ा जा सकेगा। 





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15 हजार से ज्यादा कैदी आजीवन कारावास काट रहे





उक्त दिशानिर्देशों में ज़िलास्तरीय समिति (कलेक्टर, SP, ज़िला अभियोजन अधिकारी) द्वारा केवल पात्र श्रेणी के बंदियों के नामों पर विचार कर अनुशंसा जेल मुख्यालय को भेजनी होगी और जेल मुख्यालय की अनुशंसा पर राज्य सरकार की अनुमति प्राप्त होने पर ही समय पूर्व रिहाई हो सकेगी। अपात्र श्रेणी के समस्त बंदियों को अंतिम सांस तक जेल में ही रहना होगा। उक्त दिशानिर्देश जारी करने से पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्यीय समिति ने 10 राज्यों तथा ओ़डिशा, तेलंगाना, कर्नाटक, उतरप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली की इस बाबत जारी नीतियों/दिशानिर्देशों का विस्तृत अध्ययन कर राज्य सरकार को अनुशंसाएं सौंपी थी। उक्त अनुशंसाओं के आधार पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर नवीन दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। वर्तमान में प्रदेश की जेलों में 48,679 कैदी हैं जिनके से 15 हज़ार से ज्यादा कैदी आजीवन कारावास काट रहे हैं।





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