व्यापमं के आरोपी डॉ. भंडारी और भदौरिया ने अब किया आयुष्मान योजना में घोटाला, शिविर में आए मरीजों को बता दिया भर्ती, नोटिस 

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BP Shrivastava
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व्यापमं के आरोपी डॉ. भंडारी और भदौरिया ने अब किया आयुष्मान योजना में घोटाला, शिविर में आए मरीजों को बता दिया भर्ती, नोटिस 

संजय गुप्ता, INDORE. व्यापमं, पीएमटी घोटाले के मुख्य आरोपी रहे डॉ. विनोद भंडारी और सुरेश भदौरिया ने अब आयुष्मान भारत योजना में पलीता लगा दिया है। इनके मेड़िकल कॉलेज के अस्पतालों में शिविर में आए मरीजों को अपने यहां भर्ती बताकर और कई तरह के फर्जीवाड़े कर आयुष्मान योजना में लंबा-चौड़ा घोटाला कर डाला है। स्टेट हेल्थ एजेंसी के जांच के बाद इस मामले का खुलासा हुआ। जिसके बाद स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा इंदौर के सात अस्पतालों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने अस्पातलों को नोटिस दिए जाने की बात कही है, तो वहीं सीएमएचओ इंदौर डॉ. बीएसस सैत्या ने कहा कि राज्य स्तर से आयुष्मान योजना को लेकर जांच के निर्देश मिले हैं। इसके लिए टीम बनाई गई है, जांच कर रहे हैं। बीते तीन साल में आयुष्मान योजना के तहत इंदौर के सभी अस्पतालों को मिलाकर करीब 150 करोड़ का भुगतना हुआ है, आशंका है कि अस्पताल संचालकों ने काफी राशि फर्जीवाड़े के जरिए क्लेम कर हासिल की है। 





इन अस्पतालों को मिला है नोटिस





इसमें डॉ. भंडारी के अरविंदो मेडिकल कॉलेज, भदौरिया के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के साथ ही एसएमएस एनर्जी, गोकुलदास, लक्ष्मी मेमोरियल, रेटिना अस्पताल और आनंद अस्पताल का नाम है। 





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कई बड़े नेता इन अस्पतालों से जुड़े, लगे बचाने में





डॉ. भंडारी और भदौरिया के संबंध जहां भोपाल से लेकर इंदौर तक मंत्री, सांसद, विधायक से लेकर अधिकारियों तक है, वहीं अन्य अस्पताल के संचालक कम नहीं है, इसके चलते यह सभी पूरा जोर लगा रहे हैं कि इनके जरिए पूरी जांच रोकी जाए, या फिर मामूली अर्थदंड के जरिए मामले को रफा दफा कर दिया जाए। जबकि मामला सरकार के साथ धोखाधड़ी का है, जिसमें सीधे 420 बनती है और फर्जी दस्तावेज बनाकर क्लेम लिया है, इसलिए 467, 468 आदि कई संगीन धाराएं भी अस्पताल संचालकों पर बनती है। फिलहाल अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। 





ऐसी गड़बड़ियां कर डाली





जानकारी के अनुसार एक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तो आयुष्मान पोर्टल पर 350 मरीजों को भर्ती दिखाया था, लेकिन जब हैल्थ एजेंसी ने मौके पर जाकर देखा तो केवल 70 मरीज ही भर्ती मिले, यानि 280 मरीजों का करोड़ों का भुगतान फर्जी तरीके से लिया जाने का खेल था। जो मरीज डिस्चार्ज हो चुके उनके नाम पर भी दवाओं के बिल लगाए गए, जो मरीज सामान्य बीमार थे उन्हें भर्ती बताकर बिल बनाया गया, जो सामान्य बीमार थे उन्हें की दिनों तक आईसीयू में रखकर बिल बनाया गया। कोशिश की गई कैसे भी करके मरीज को अधिक से अधिक दिन तक भर्ती बताकर लंबा-चौड़ा बिल बनाकर सरकार से वसूली की जाए। 





सीएम हेल्पलाइन पर भी हो रही हैं लगातार शिकायतें





आयुष्मान में गड़बड़ी को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर भी  लगातार शिकायतें हो रही है। इसमें कार्डधारकों का कहना है कि शासन से उपचार, जांच की राशि मिलने के बाद भी अस्पताल द्वारा हमसे राशि की वसूली की गई। लेकिन अभी तक स्वास्थय विभाग द्वारा पूरे मामले में लीपापोती की जा रही है।





कोरोना के समय भी अस्पतालों की आई थी गंभीर शिकायतें





अधिकांश आरोपी अस्पताल की यह पहली शिकायतें नहीं है। कोविड के समय भी अधिक बिल लिए जाने की शिकायतें आई थी, गोकुलदास अस्पताल में तो कुछ ही घंटों में चार मरीजों की मौत की जांच भी हुई लेकिन इन सभी मामलों में जांच को रफा-दफा कर दिया गया।





भदौरिया ने हाल ही में खरीदी थी 10 करोड़ की लग्जरी कार





सुरेश सिंह भदौरिया ने हाल ही में 10.50 करोड़ की सुपर लग्जरी कार खरीदी थी। मिडनाइट सफायर (ब्रिलियंट ब्लू शेड) कलर कॉम्बिनेशन वाली ये कार मध्यप्रदेश में किसी के द्वार खरीदी गई अब तक की सबसे महंगी कार है। कार के लिए आरटीओ से विशेष नंबर 0003 खरीदा गया है। ये कार महज 4.9 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रतिघंटा की स्पीड पकड़ लेती है। इस कलिनन कार का ग्राउंड क्लीयरेंस 190MM (मिली मीटर) है, लेकिन जरूरत पड़ने पर एक बटन दबाते ही इसका ग्राउंड क्लीयरेंस 40MM बढ़कर 230MM हो जाता है।



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