/sootr/media/post_banners/822538ca3ceccf58102c73c9436f9a9961c50db82639835e69354352283835d5.jpg)
अरुण तिवारी, BHOPAL. प्रदेश में आर्थिक अपराधों में तेजी से इजाफा हो रहा है। मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि, उसकी सीमा से सटे छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी यही हालात हैं। मध्यप्रदेश में पिछले दो सालों में 22 फीसदी अपराध बढ़े हैं तो राजस्थान में ये आंकड़ा 35 फीसदी तक पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मध्यप्रदेश में हर दो घंटे में एक व्यक्ति चार सौ बीसी का शिकार हो रहा है तो राजस्थान में हर घंटे तीन लोगों के साथ धोखाधड़ी हो रही है।
मप्र में हर दो घंटे में एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी
मध्यप्रदेश में पिछले दो साल में आर्थिक अपराधों में 22 फीसदी का इजाफा हुआ है। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। ये रिपोर्ट साल 2022 के आर्थिक अपराधों की है। इस साल प्रदेश में 4158 लोग चार सौ बीसी, फोर्जरी या धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। यानी हर दो घंटे में एक व्यक्ति चार सौ बीसी का शिकार हो रहा है।
मप्र में आर्थिक अपराध
- कुल दर्ज अपराध- 4158
- दो साल में 22 फीसदी का इजाफा
- दो घंटे में एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी
एक लाख सालाना आय वाले ज्यादा शिकार
मध्यप्रदेश के लोग धोखाधड़ी का शिकार होकर अपनी संपत्ति गंवा रहे हैं। सबसे ज्यादा चार सौ बीसी गरीब तबके के साथ हो रही है। जिनकी सालाना आय एक लाख से कम है, उनके साथ सबसे ज्यादा धोखा हो रहा है। एक साल में इस तबके के 1780 लोग धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। वहीं एक से दस लाख तक की सालाना आय वाले 928, दस से पचास लाख की आय वाले 351, 50 लाख से एक करोड़ की आय वाले 80 और एक से दस करोड़ की आय वाले लोगों के साथ चार सौ बीसी के 34 मामले सामने आए हैं।
सालाना आय के आधार पर आर्थिक अपराध
- 1 लाख से कम- 1780
- 1-10 लाख- 928
- 10-50 लाख- 351
- 50 लाख से 1 करोड़- 80
- 1 से 10 करोड़- 34
24638 मामले कोर्ट में ट्रायल पर
मध्यप्रदेश में इन अपराधों पर जांच की गति कछुआ चाल है। आर्थिक अपराध के कोर्ट में 24638 मामलों पर ट्रायल चल रहा है। इनमें 749 लोग ही दोषी साबित हुए हैं। 91 फीसदी पेंडेंसी है, जबकि 40 फीसदी कन्विक्शन रेट है यानी 60 फीसदी लोग बरी हो जाते हैं।
60 फीसदी हो जाते हैं बरी
ट्रायल- 24638 मामले
दोषी- 749
लंबित मामले- 91 फीसदी
दोषी- 40 फीसदी
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कमोबेश यही हालात
राजस्थान में 2022 में आर्थिक अपराध के 27848 मामले दर्ज किए गए जो साल 2020 से 35 फीसदी ज्यादा हैं। राजस्थान में हर घंटे तीन लोग धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। यहां का कन्विक्शन रेट 31 फीसदी है यानी 69 फीसदी आरोपी बरी हो जाते हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में 1936 मामले दर्ज किए गए जो पिछले दो सालों में 15 फीसदी ज्यादा है। यहां पर 65 फीसदी दोषी साबित होते हैं, जबकि 35 फीसदी छूट जाते हैं।
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध...
राजस्थान में दर्ज मामले- 27848
दो साल में 35 फीसदी का इजाफा
हर घंटे तीन लोग चार सौ बीसी के शिकार
दोषी साबित होते हैं 31 फीसदी
69 फीसदी आरोपी होते हैं बरी
छत्तीसगढ़ में दर्ज मामले- 1936
दो साल में 15 फीसदी की बढ़ोतरी
दोषी साबित होते हैं 65 फीसदी
35 फीसदी छूट जाते हैं
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us