बाबा से नाराज चल रहा था कोर्ट

अपने उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों व प्रचार को लेकर सुपीम कोर्ट पिछले कई दिनों से नाराज चल रहा था। कारण यह था कि कोर्ट ने ऐसे विज्ञापन जारी न करने का आदेश पतंजलि को दिया था, लेकिन वहां से लगातार विज्ञापन जारी हो रहे थे।

पतंजलि के खिलाफ लंबे समय से शिकायत दर्ज थी

असल में साल 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA ) ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर यह आरोप लगाया था कि कोरोना महामारी के दौरान पतंजलि ने न केवल टीकाकरण पर निगेटिव बाते कीं बल्कि आधुनिक दवाओं पर भी सवाल खड़े किए।

अवमानना के डर से मांग ली माफी?

पिछले साल नवंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में पतंजलि को इस तरह के विज्ञापन न छापने का आदेश जारी किया। लेकिन कंपनी ने इस आदेश के बाद लगातार दो बार कथित तौर पर ऐसे ही विज्ञापन जारी कर दिए। आईएमए ने यह विज्ञापन कोर्ट में दिखाए ।