ब्लड डोनेशन से जुड़े मिथक और हकीकत

जान बचाने का साधन

ब्लड डोनेशन एक सामान्य प्रक्रिया है जो किसी की जान बचा सकती है।

ब्लड डोनेशन के प्रति मिथक

ब्लड डोनेशन को लेकर लोगों में कई मिथक हैं, जैसे कि इससे कमजोरी आती है, पोषक तत्व कम हो जाते हैं, या बार-बार बीमार पड़ते हैं।

वास्तविकता क्या है?

ब्लड डोनेशन से शरीर को नुकसान नहीं होता बल्कि इसे करने से शरीर को कई फायदे होते हैं, जैसे कि नया ब्लड सेल्स बनना और आयरन की मात्रा नियंत्रण में रहना।

बीमारियों से बचाव

ब्लड डोनेशन शरीर को तमाम बीमारियों से बचाता है, जैसे कि ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और हार्ट की सेहत सुधरती है।

वजन और दिमाग के लिए लाभदायक

ब्लड डोनेशन से वेट कंट्रोल में रहता है और दिमाग एक्टिव होता है। इसके अलावा इमोशनल हेल्थ में भी सुधार होता है।

कम होता है कैंसर का खतरा

ब्लड डोनेशन से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता है।

एक बार में 1 यूनिट

एक स्वस्थ व्यक्ति एक बार में 1 यूनिट ब्लड डोनेट कर सकता है, जिससे तीन जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।

ब्लड डोनेशन की सीमा

इंडियन मेडिकल काउंसिल के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति 3 महीने में सिर्फ एक बार ही ब्लड डोनेट कर सकता है। एक महीने में एक बार ब्लड डोनेट करना सुरक्षित नहीं है।

ब्लड डोनेशन के बाद के निर्देश

ब्लड डोनेशन के बाद आयरन रिच फूड्स खाना चाहिए, जैसे मटर, दाल, बीन्स, और पालक। इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं।