बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा या भगवान बुद्ध की जयंती के नाम से जाना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा दुनिया भर में बौद्ध समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान धर्म के कार्य का विशेष महत्व है। इस बार बुद्ध पूर्णिमा 23 मई यानि कल गुरुवार को मनाई जाएगी।

बुद्ध पूर्णिमा शुभ मुहूर्त पूर्णिमा तिथि इस बार 22 मई, बुधवार को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और समापन 23 मई, गुरुवार को रात 7 बजकर 22 मिनट पर होगा।

बुद्ध पूर्णिमा इस बार बहुत ही खास मानी जा रही है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, शुक्र सूर्य युति से शुक्रादित्य योग, राजभंग योग और गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होने जा रहा है।

बुद्ध की कहानी लगभग 2,500 साल पहले नेपाल के लुंबिनी में शुरू हुई थी। बुद्ध के अनुयायी बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध के जन्म के रूप मनाते हैं।

माना जाता है कि इसी दिन बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बौद्ध लेखों के अनुसार, गौतम बुद्ध ने बिहार के बोधगया में एक बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान लगाया था और वहीं ज्ञान की प्राप्ति की थी।