हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार 17 जुलाई 2024 को देवशयनी एकादशी है। इस दिन से ही चातुर्मास शुरू हो रहा है। ये 12 नवंबर 2024 तक चलेगा।

चातुर्मास में भगवान विष्णु शयन काल में चले जाते हैं यानी इस समय वह अपनी आंखें बंद करके ध्यान लगाते हैं। लगभग चार महीने के बाद वो योग निद्रा से जागते हैं।

इस समय शादी, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण आदि नहीं किए जाते हैं। 4 महीने तक प्याज और लहसुन आदि तामसिक भोजन करने की भी मनाही होती है।

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को संध्याकाल 8 बजकर 33 मिनट से शुरू होगी और 17 जुलाई को शाम 9 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगी।

इस तरह 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को संध्याकाल 6 बजकर 46 मिनट से लेकर 12 नवंबर को संध्याकाल 4 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी।

सनातन शास्त्रों में निहित है कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को क्षीर सागर में विश्राम करने जाते हैं।

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। चातुर्मास के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस साल 17 जुलाई से लेकर 12 नवंबर तक चातुर्मास है।