बर्थडे पर जानिए शून्य से लेकर फ्लाइंग सिक्ख तक का सफर

मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर को गोविंदपुरा गांव में हुआ था

बंटवारे में मिल्खा ने मां-बाप और भाई-बहनों खो दिया था

बचपन में मिल्खा सिंह रेलवे स्टेशन पर जूते पॉलिश करते थे

मिल्खा सिंह को भारतीय सेना में सिपाही के तौर पर नौकरी मिली

शुरुआत में मिल्खा सिंह के पास दौड़ने के लिए जूते भी नहीं थे

मिल्खा ने 80 अंतरराष्ट्रीय रेस में से 77 में जीत हासिल की

मिल्खा के 400 मीटर का रिकॉर्ड 40 साल नहीं टूटा था

मिल्खा के नाम 4 एशियन खेल में गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड है

मिल्खा को फ्लाइंग सिख का नाम राष्ट्रपति अयूब खान ने दिया था

18 जून को COVIDके कारण 91 की उम्र में उनका निधन हो गया