अगर आप अपने पिता से दूर हैं तो उन्हें आप हमारी Web Story के माध्यम से कुछ खास संदेश भेजकर अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं
पिता हारकर बाज़ी हर बार मुस्कुराया, शतरंज की उस जीत को मैं अब समझ पाया
मुझे रख दिया छांव में खुद जलते रहे धूप में, मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता अपने पिता के रूप में
बच्चों के हर दुख को खुद सहते हैं, भगवान की उस देन को पिता कहते हैं
जब सबने साथ देने से कर दिया इनकार तब पिता के कांपते हाथों ने ही दिया था सहारा
पिता के बिना जिंदगी वीरान है सफर तन्हा और राह सुनसान है वही मेरी जमीं वही आसमान है वही खुदा वही मेरा भगवान है
बेमतलब सी दुनिया में वह ही हमारी शान हैं, किसी शख़्स के वजूद की पिता ही पहली पहचान हैं।
खुशियों से भरा पल होगा जीवन में सुनहरा कल होगा मिलेगी कामयाबी उन्हें जिनके सिर पर पिता का हाथ होगा
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