होलिका दहन के लिए महज 1.20 घंटे का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन के दिन 24 मार्च को भद्राकाल सुबह 9 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर रात 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। ऐसे में भद्रा के बाद रात 11.13 बजे होली जलेगी। इसके चलते लोगों को देर रात तक होलिका दहन के लिए इंतजार करना पड़ेगा। दहन के लिए महज 1.20 घंटे का शुभ मुहूर्त बन रहा है।

25 मार्च को खेली जाएगी होली

25 मार्च को होली खेली जाएगी। होली पर सौ साल बाद चंद्रग्रहण का योग बन रहा है। हालांकि ग्रहण के भारत में दृश्यमान होने से इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। फाल्गुन पूर्णिमा की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 8.13 बजे से होगी। अगले दिन 25 मार्च को सुबह 11.44 बजे तक रहेगी।

होलिका दहन के पूर्व ये जान लें

होलिका दहन मुहूर्त समय में जल, मौली, फूल, गुलाल तथा ढाल व खिलौनों की कम से कम चार मालाएं अलग से घर से लाकर सुरक्षित रख लेना चाहिए। इनमें से एक माला पितरों की, दूसरी हनुमान जी की, तीसरी शीतला माता की तथा चौथी अपने परिवार के नाम की होती है।

ऐसे करें होलिका का पूजन

रोली, अक्षत व फूल आदि को भी पूजन में लगातार प्रयोग करें। गंध-पुष्प का प्रयोग करते हुए पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन किया जाता है। पूजन के बाद जल से अर्ध्य दें। होलिका दहन होने के बाद होलिका में कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य, चीनी के बने खिलौने, अर्पित करें।

होलिका दहन भद्राकाल के बाद

सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7.34 बजे से अगले दिन सुबह 6.19 बजे तक है। रवि योग सुबह 6.20 बजे से सुबह 7.34 बजे तक रहेगा, वहीं शहरों के हिसाब से ये समय कुछ मिनट आगे-पीछे हो सकता है, इसलिए रात 11 बजे बाद होली जलानी चाहिए।

देश के लिए आर्थिक तरक्की वाली होली

होलिका दहन के सितारों को देखते हुए ज्योतिषियों का कहना है कि ये होली देश के लिए आर्थिक और भौतिक उन्नति लेकर आ रही है। देश में विकास योजनाओं पर तेजी से काम होने की संभावना है। इंडस्ट्रियल सेक्टर और स्टार्टअप्स तेजी से बढ़ेंगे।