आजादी के लिए त्याग और बलिदान देने वाले सेनानी, इन महानायकों ने आजादी दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई

मौलाना आज़ाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी और विद्वान थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई और आजादी के बाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।

लाला लाजपत राय को पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साइमन कमीशन के विरोध के दौरान उनकी मौत ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को और गति दी।

सरदार पटेल को "लौह पुरुष" के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत की रियासतों को एकजुट करके स्वतंत्रता के बाद देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित की।

जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में देश को नेतृत्व प्रदान किया।

चंद्रशेखर आजाद एक महान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया। उन्होंने आजीवन आजाद रहने का संकल्प लिया और कभी ब्रिटिश पुलिस के हाथों गिरफ्तार नहीं हुए।

बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा का नारा दिया। तिलक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख नायिका थीं। उन्होंने ब्रिटिश सेना के खिलाफ वीरतापूर्वक युद्ध लड़ा और भारतीय महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बनीं।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) का गठन किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष का नेतृत्व किया। उनका नारा "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" आज भी प्रेरणा का स्रोत है।

भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे क्रांतिकारी और बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ साहसी कदम उठाए और 23 साल की उम्र में ही फांसी पर चढ़ गए।

महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है। उनके अहिंसात्मक आंदोलन, जैसे सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय जनता को एकजुट किया और स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।